खून के कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी से बेहतर परिणाम देती हैं ये 2 दवाइयां- अध्ययन
क्या है खबर?
ल्यूकेमिया खून का कैंसर होता है, जो रक्त कोशिकाओं को बनाने वाले अस्थि मज्जा यानि बोन मैरो में उत्पन्न होता है।
इसके दौरान असामान्य रूप से सफेद रक्त कोशिकाएं पैदा होने लगती हैं, जो स्वस्थ रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में बाधा डालती हैं।
अन्य प्रकार के कैंसर की तरह इसके इलाज के लिए भी रोगियों को कीमोथेरेपी करवानी पड़ती है।
हालांकि, अब एक नया अध्ययन किया गया है, जिसके जरिए ल्यूकेमिया के इलाज में मददगार दवाओं का पता चला है।
अध्ययन
ब्रिटेन के 96 कैंसर केंद्रों से जमा किया गया था डाटा
इस अध्ययन को लीड्स के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में पूरा किया गया था, जिसके लिए फ्लेयर परीक्षण के परिणामों का विश्लेषण हुआ था।
ये परिणाम ब्रिटेन में स्थित कुल 96 कैंसर केंद्रों के डाटा को इखट्टा करने के बाद सामने आए थे।
अध्ययन का उद्देश्य यह पता करना था कि क्या कैंसर की 2 दवाएं ल्यूकेमिया के रोगियों के इलाज में कीमोथेरेपी से कारगर साबित हो सकती हैं या नहीं।
प्रक्रिया
अध्ययन में शामिल थे ल्यूकेमिया से पीड़ित 786 लोग
अध्ययन 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' में प्रकाशित हुआ था और इसे इटली के मिलान में प्रस्तुत किया गया था।
शोध में ल्यूकेमिया से पीड़ित 786 रोगियों को शामिल किया गया था, जिनका पहले इलाज नहीं हुआ था।
सभी को मानक कीमोथेरेपी, इब्रुटिनिब नामक एकल लक्षित दवा या इब्रुटिनिब और वेनेटोक्लैक्स नाम की 2 लक्षित दवाओं का संयोजन दिया गया था।
रक्त परीक्षण करने के बाद ही यह तय किया गया था कि किस मरीज को कौन-सा उपचार दिया जाएगा।
नतीजे
2 दवाइयां लेने से मरीजों को हुआ काफी फायदा
इस परीक्षण में पाया गया कि 5 साल बाद इब्रुटिनिब और वेनेटोक्लैक्स लेने वाले 94 प्रतिशत रोगी जीवित थे और उनमें रोग का कोई विकास नहीं हुआ था।
अध्ययन के अनुसार, अकेले इब्रुटिनिब लेने वालों में यह दर 79 प्रतिशत था और कीमोथेरेपी लेने वालों में से यह 58 प्रतिशत ही था।
2 दवाओं वाला उपचार लेने वाले 66 प्रतिशत रोगियों के बोन मैरो में 2 साल बाद कैंसर नहीं पाया गया था।
दवाएं
कैसे काम करती हैं ये दोनों दवाइयां?
इब्रुटिनिब एक ऐसी दवा है, जो कैंसर को बढ़ने से रोकने में मदद करती है। इसे लेने से कैंसर कोशिकाओं का विभाजित कम हो जाता है और यह उनके बढ़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले संकेतों को रोकने का काम करती है।
वहीं, वेनेटोक्लैक्स ल्यूकेमिया कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीन के कार्यों को अवरुद्ध करती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, मरीज इन दवाओं वाले उपचार को पारंपरिक उपचारों की तुलना में बेहतर तरीके से सहन कर सके।