कम शिक्षित अमरिकियों की हृदय संबंधी मृत्यु दर में दर्ज की गई बढ़ोतरी, अध्ययन में खुलासा
क्या है खबर?
जैसे-जैसे विज्ञान तरक्की करता जा रहा है, वैसे-वैसे लोगों की बुद्धिमता प्रभावित होती जा रही है।
अब एक नए अध्ययन से सामने आया है कि अमेरिका के कम शिक्षित लोगों की हृदय संबंधी मृत्यु दर में वृद्धि देखी जा रही है। इनमें से ज्यादातर लोगों के पास स्नातक तक की डिग्री नहीं थी।
आज के लेख में हम इसी अध्ययन के विषय में विस्तार से जानेंगे। साथ ही हम ऐसा होने के कारणों को समझने की भी कोशिश करेंगे।
अध्ययन
3 विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं ने मिलकर पूरा किया अध्ययन
इस अध्ययन को बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ (BUSPH), हेलसिंकी विश्वविद्यालय और मिनेसोटा विश्वविद्यालय ने मिलकर पूरा किया है।
इसे JAMA हेल्थ फोरम में प्रकाशित भी किया गया था। इससे सामने आया कि 2023 में अमेरिका के लगभग 5. 25 लाख व्यसकों की मृत्यु हुईं।
इनमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास स्नातक की डिग्री तक नहीं थी और इसकी मौत मुख्य रूप से हृदय रोग या उससे जुड़ी अन्य बीमारियों के कारण हुई।
प्रक्रिया
कैसे पूरा किया गया यह अध्ययन?
अध्ययन के लिए 2006-2023 के दौरान 35 वर्ष और उससे ज्यादा आयु वाले अमेरिकी वयस्कों की 4.75 करोड़ मौतों का कारण जानने की कोशिश की गई।
इसके लिए राष्ट्रीय मृत्यु दर और शिक्षा डाटा का उपयोग किया गया। 2011-2023 तक के डाटा को महामारी से पहले, महामारी के दौरान और महामारी के बाद वाले समूहों में बांटा गया।
इन आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद ही पता लग सका कि कम शिक्षित लोगों की मृत्यु जल्दी हो रही थी।
नतीजे
हृदय रोग के साथ मधुमेह का भी बढ़ा खतरा
इस अध्ययन में खुलासा हुआ कि सीमित शिक्षा वाले लोग हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह जैसी बीमारियों के संकट से जूझ रहे हैं।
जिन लोगों ने स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं की वह इन बीमारियों के चलते जल्दी भगवान को प्यारे हो गए।
अकेले 2023 में मरने वाले 5.64 लाख लोगों में से 4.81 लोग वो थे, जिनके पास स्नातक तक की डिग्री नहीं थी।
आइए इस समस्या के कुछ मुख्य कारणों पर भी नजर डालते हैं।
कारण
क्या है कम पढ़े-लिखे लोगों के मृत्यु दर के बढ़ने का कारण?
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग ज्यादातर पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते और पोषण से भरपूर खान-पान से वंचित रह जाते हैं।
ऐसे लोगों के लिए अच्छा भोजन करना, अच्छी नींद लेना और एक्सरसाइज करना आसान नहीं होता।
वे सही तरह जीवनयापन नहीं कर पाते तो पढ़ाई पूरी करना तो दूर की बात है।
साथ ही शिक्षा से लोगों का रोजगार बेहतर होता है और उसके पूरे न होने पर लोग स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं से भी हाथ धो बैठते हैं।