जानिए क्या है लिक्विड डाइट और यह कैसे वजन नियंत्रित रखने में है सहायक
अगर आप वजन नियंत्रित रखने के लिए सही तरीके से डाइट का पालन करते हैं तो ये वास्तव में काफी प्रभावी हो सकता है। उदाहरण के लिए लिक्विड डाइट वजन नियंत्रित रखने और फिट रहने के लिए एक अच्छा विकल्प है। इस डाइट में ज्यादातर तरल पदार्थ जैसे जूस, स्मूदी आदि शामिल किए जाते हैं और ठोस आहारों को हटा दिया जाता है। चलिए फिर जानते हैं कि यह डाइट वजन नियंत्रित रखने में कैसे सहायक हो सकती है।
क्या है लिक्विड डाइट?
जैसा कि हम बता चुके हैं कि लिक्विड डाइट में लोग सिर्फ तरल पदार्थों का ही सेवन करते हैं, क्योंकि यह सब आसानी से पच जाता है। वहीं, यह डाइट वजन नियंत्रित रखने में भी सहायता प्रदान कर सकती है, क्योंकि इस डाइट के कारण कैलोरीज और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा काफी कम होती है। इसलिए आपका वजन कम होने लगता है। लेकिन इस डाइट को फॉलो करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह-परामर्श जरूर कर लें।
लिक्विड डाइट के फायदे
तरल आहार को अपनाने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ा कारण है वजन घटाना और बॉडी डिटॉक्स करना, क्योंकि इससे शरीर कैलोरी को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें शामिल फलों और सब्जियों के रस शरीर को विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट की एक स्वस्थ खुराक देते हैं। वहीं, यह डाइट न सिर्फ बढ़ते वजन की चपेट में आए लोगों के लिए बेहतर है बल्कि चबाने में हो रही दिक्कत का सामना कर रहे लोगों के लिए भी फायदेमंद है।
लिक्विड डाइट के नुकसान
बहुत से लोग इस डाइट को बहुत दिनों तक फॉलो नहीं कर पाए हैं क्योंकि इसके कारण शरीर से महत्वपूर्ण पोषक तत्व भी गायब हो सकते हैं। दरअसल, किसी भी चीज के रस में विटामिन और खनिज होते हैं, लेकिन उनमें फाइबर, फैट या प्रोटीन नहीं होता है। इस वजह से कई लोगों को सिर दर्द, भूख और दस्त जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है। ज्यादा डिटॉक्सिंग के कारण, वास्तव में शरीर कमजोरी महसूस करने लगता है।
...तो क्या लिक्विड डाइट पर रहना सही है?
शरीर के सारे अंग अपने आप ही संतुलन बना कर चलते हैं। ऐसे में जरूरी है आप अपने भोजन में ठोस भोजन और तरल भोजन दोनों को एक संतुलित रूप में लें, ताकि आप स्वस्थ रहें। सिर्फ तरल भोजन पर ही शरीर को जीवत रखना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है क्योंकि सिर्फ लिक्विड डाइट पर ही रहने से शरीर के अलग-अलग अंगों के काम करने की शैली में बदलाव आ जाता है, जिससे बीमारियां होने लगती हैं।