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ईद-उल-फितर 2023: जानिए इस त्योहार की तिथि, इतिहास, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें 
ईद-उल-फितर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

ईद-उल-फितर 2023: जानिए इस त्योहार की तिथि, इतिहास, महत्व और अन्य महत्वपूर्ण बातें 

लेखन अंजली
Apr 20, 2023
12:49 pm

क्या है खबर?

भारत विविधता से भरा हुआ देश है। जिस तरह हिंदू धर्म में कई त्योहार मनाए जाते हैं, वैसे ही इस्लाम में भी कई त्योहार मनाए जाते हैं। इस्लाम का सबसे बड़ा त्योहार ईद-उल-फितर है, जो रमजान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। यह आमतौर पर इस्लामिक कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल में पहले दिन के चांद को देखने के बाद मनाया जाता है। आइए आज हम आपको इस त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।

तिथि

कब है ईद-उल-फितर?

ईद-उल-फितर इस्लामिक कैलेंडर के शव्वाल महीने में आती है, जिसमें एक महीने में लगभग 29 या 30 दिन होते हैं। किसी भी चंद्र हिजरी महीने की शुरुआत धार्मिक अधिकारियों द्वारा देखे गए नए चंद्रमा के अनुसार अलग होती है। ऐसे में ईद-उल-फितर विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग दिन पड़ता है। इस साल ईद-उल-फितर 21 अप्रैल (शुक्रवार) से 23 अप्रैल (रविवार) तक मनाया जा सकता है। चंद्रमा के देखे जाने के अनुसार ईद की तारीख भी अलग हो सकती है।

केरल

केरल में सबसे पहले मनाई जाती है ईद

ईद-उल-फितर का त्योहार केरल में देश के बाकी हिस्सों से एक दिन पहले मनाया जाता है। इसका कारण है कि यहां के लोग चंद्रमा के दर्शन के लिए पारंपरिक इस्लामी कैलेंडर का पालन करते हैं और उसी के अनुसार चंद्रमा के दर्शन की प्रतीक्षा करते हैं। केरल एकमात्र भारतीय राज्य है, जिसकी ईद-उल-फितर की तारीख सऊदी अरब में चांद दिखने से तय होती है। इस बीच कश्मीर में ईद-उल-फितर राज्य के ग्रैंड मुफ्ती द्वारा निर्धारित किया जाता है।

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इतिहास और महत्व

ईद-उल-फितर का इतिहास और महत्व

ऐसा माना जाता है कि पवित्र कुरान पहली बार रमजान के महीने के दौरान पैगंबर मुहम्मद के सामने आई थी। मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने को शुभ मानते हैं और सुबह से शाम तक रोजे (उपवास) रखते हैं। इसके साथ खुद को अल्लाह की इबादत के लिए समर्पित करते हैं और नकारात्मक विचारों से दूर रहते हैं। रमजान में लोग स्वादिष्ट भोजन के साथ रोजा इफ्तार करते हैं और दोस्तों और परिवार के लोगों से मिलते हैं।

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तरीके

ईद-उल-फितर मनाने के तरीके 

ईद-उल-फितर में दुनियाभर के मुसलमान मस्जिदों और ईदगाहों पर ईद की नमाज पढ़ते हैं और फिर एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। सभी लोग नए कपड़े पहनकर एक दूसरे के घर ईद मिलने जाते हैं और बच्चों को ईदी के तौर पर पैसे या अन्य उपहार भी देते हैं। इस दिन लोग घरों में सेवई, खीर, बिरयानी समेत कई लजीज पकवान भी बनाते हैं।

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