बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए माता-पिता अपनी इन 5 बुरी आदतों पर जरूर दें ध्यान
जब बच्चे बड़े होते हैं तो उन पर उनके माता-पिता का असर सबसे ज्यादा पड़ता है क्योंकि वह उनके व्यवहार की ही नकल करने की कोशिश करते हैं। इस प्रक्रिया में धीरे-धीरे बच्चों की आदतें बनना शुरू हो जाती है। हालांकि, इसमें वह अच्छी आदतों के साथ-साथ बुरी आदतें भी सीख जाते हैं इसलिए माता-पिता को सावधान रहना चाहिए। आइए आज ऐसी 5 बुरी आदतें जानते हैं, जो माता-पिता को बच्चों की परवरिश के दौरान देने से बचना चाहिए।
स्वच्छता पर ध्यान न देने की आदत
अगर आप माता-पिता के रूप में स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान रखते हैं तो आपका बच्चा भी इसे अपनाएगा और स्वच्छता के महत्व को समझेगा। इसके लिए अपने बच्चे की साफ-सफाई, उसके चीजों की सफाई और कुछ भी खाने से पहले और बाद में हाथ धोने जैसी आदतों पर खास ध्यान दें। वहीं अगर आप घर से दूर रह रहे हैं तो बच्चों की परवरिश के लिए इन टिप्स को अपनाएं।
अस्वस्थ खाना खाने की आदतें
बच्चे अपने माता-पिता के खान-पान के विकल्पों से ही भोजन के महत्व के बारे में सीखते हैं। इस कारण अगर आप अक्सर जंक फूड ऑर्डर करते हैं तो बच्चे भी आपकी पसंद की नकल करेंगे। इससे वह भविष्य में अस्वस्थ लाइफस्टाइल और कई बीमारियों के जोखिम का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा अगर आपका बच्चा छोटा है तो उसे खान-पान की इन चीजों को खिलाने से परहेज करें।
बच्चों को मारना
कुछ बच्चे स्कूल में अन्य बच्चों को मारते हैं। यह एक ऐसी बुरी आदत है, जो वह आमतौर पर घर से ही सीखते हैं। अगर आप घर पर अक्सर अपने बच्चों को मारते हैं और गाली देते हैं या उनके साथ बातचीत करते हुए आक्रामक हो जाते हैं तो वह भी इसी व्यवहार को अपना लेंगे। इस कारण बच्चों के मन में दूसरों के प्रति सहानुभूति और स्नेह की भावना का विकास करने के लिए इन टिप्स को अपनाएं।
बार-बार झूठ बोलने की आदत
अगर आप किसी भी कारण से अपने बच्चों से झूठ बोलते हैं तो ऐसा करना तुरंत बंद कर दें। दरअसल, इस तरह का व्यवहार आपके बच्चे के भरोसे को प्रभावित कर सकता है और इससे उन्हें अपनी भावनाओं को ठीक से जाहिर करने में मुश्किल हो सकती है। इसके अलावा अगर आप बच्चों से या उनके सामने झूठ बोलते हैं तो वह भी भविष्य में आपसे झूठ बोलने की आदत आसानी से डाल लेंगे।
गलती होने पर भी माफी नहीं मांगना
कई बार हम खुद की गलती होने पर भी माफी नहीं मांगते है। इस व्यवहार को देखकर बच्चे भी ऐसी आदत सीख सकते हैं, जिससे भविष्य में वह माफी मांगने में कठिनाई महसूस कर सकते हैं। वहीं माफी मांगने से बच्चों को सहानुभूति और दयालुता के बारे में सीखने में मदद मिल सकती है। हालांकि, अगर अपनी गलती होने पर भी आप बच्चों के सामने माफी नहीं मांगेंगे तो इससे वह अहंकारी बन सकते हैं, जिससे उनके रिश्ते प्रभावित होंगे।