शरीर का ऑक्सीजन स्तर ठीक करने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
कोरोना वायरस फेफड़ों को काफी ज्यादा प्रभावित करता है जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और सांस लेने में बहुत तकलीफ महसूस होती है। ऐसे में जरूरी है कि वायरस से खुद को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाए। बात अगर शरीर के ऑक्सीजन स्तर को ठीक रखने की करें तो इसके लिए आप रोजाना कुछ योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
सर्वांगासन
इस योगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योग मैट पर पीठ के बल लेटें और दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा कर लें। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद हाथों से कमर को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
विपरीतकरणी आसन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाकर 90 डिग्री का कोण बना लें। ध्यान रखें कि आपके तलवे ऊपर की ओर ही होने चाहिए। इसके बाद अपने नितंबों को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस मुद्रा में कम से कम दो-तीन मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कुछ मिनट बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।
मत्स्यासन
मत्स्यासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की अवस्था में एकदम सीधे बैठ जाएं। फिर अपनी पीठ की दिशा में झुकें और अपने सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। अब अपने पैरों की उंगलियों को पकड़ें और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें। कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब अपने हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखकर अपनी जीभ से नली का आकार बना लें। अब इसी स्थिति में लंबी और गहरी सांस लेकर जीभ को अन्दर करें और मुंह को बंद कर लें। इसके बाद सांस को धीरे-धीरे अपनी नाक के जरिए बाहर निकालें। इस प्रक्रिया को कम से कम 20-25 बार दोहराएं।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें। अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें। इसके बाद अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें। कुछ मिनट इस प्रक्रिया को दोहराने के बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और सामान्य हो जाएं।
भ्रामरी प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें। फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और प्राणायाम को छोड़ दें।
कपालभाति प्राणायाम
इसके लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें और सांस छोड़ते समय ज्यादा दबाव न डालें। कुछ मिनट इस प्रकिया को दोहराने के बाद धीरे-धीरे आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।