टॉन्सिल में संक्रमण होने पर जरूर अपनाएं ये घरेलू नुस्खे, जल्द मिलेगा आराम
जब कभी भी आपको गले में खराश या जलन महसूस हो तो उसे नजरअंदाज करने की गलती न करें क्योंकि ये टॉन्सिल के संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं। यह समस्या गलत खान-पान के कारण हो सकती है। दरअसल, कई खाद्य और पेय पदार्थों में बैक्टीरिया होते हैं जो हमें दिखाई नहीं देते, लेकिन वे गले में मौजूद टॉन्सिल में संक्रमण उत्पन्न कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि इस समस्या से घर पर कैसे राहत पाई जा सकती है।
नमक वाले पानी से करें गरारे
जब भी गले में किसी भी तरह की परेशानी होती है तो सबसे पहले गरारे करने की सलाह दी जाती है। टॉन्सिल के संक्रमण से राहत पाने के लिए भी नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करने से आपको फायदा हो सकता है। दरअसल, नमक में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाया जाता है जो बैक्टीरिया को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। वहीं, पानी संक्रमण के कारण बंद गले को खोलने का काम कर सकता है।
मेथी के बीज का करें इस्तेमाल
टॉन्सिल संक्रमण के घरेलू इलाज के रूप में मेथी के बीज का इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो टॉन्सिल में संक्रमण उत्पन्न करने वाले बैक्टीरिया को दूर कर इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में दो चम्मच मेथी के बीज को मिलाने के बाद उसे गर्म कर थोड़ी देर ठंडा करने के लिए रख दें, फिर उस पानी से गरारे करें।
हल्दी वाले दूध का सेवन
टॉन्सिल्स संक्रमण से राहत पाने के लिए एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी काली मिर्च मिलाकर सेवन किया जा सकता है। दरअसल, दूध में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है जो टॉन्सिल के संक्रमण से राहत दिलाने में सहायक मानी जाती है। वहीं इसमें मिलाई जाने वाली हल्दी और काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाए जाते हैं जो संक्रमण के लक्षण को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
गाजर, ककड़ी और चुकंदर के रस का सेवन
गाजर, ककड़ी और चुकंदर के रस को टॉन्सिल संक्रमण की दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि इन रस में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं जो इसके इलाज में संयुक्त रूप से मददगार साबित हो सकते हैं। इसके लिए 150 मिलीलीटर गाजर के जूस, 50 मिलीलीटर ककड़ी के जूस और 50 मिलीलीटर चुकंदर के जूस को अच्छे से मिलाकर सेवन करें। ऐसा तब तक करें जब तक समस्या से राहत न मिल जाए।