कार्पल टनल सिंड्रोम: जानिए हाथ से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचने के उपाय
जो लोग काफी समय तक लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो उन्हें अक्सर हाथों में सुन्नपन या फिर कलाई में दर्द की शिकायत रहती है जिसे वे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि अगर हाथों में यह तकलीफ बार-बार होने लगे तो यह चिंता का विषय है और यह कार्पल टनल सिंड्रोम (हाथ से जुड़ी बीमारी) का संकेत हो सकती है। चलिए फिर आज इस बीमारी से संबंधी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
क्या है कार्पल टनल सिंड्रोम?
कार्पल टनल सिंड्रोम हाथ से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसमें मीडियन नर्व यानि कंधे से लेकर कलाई तक जाने वाली मुख्य नस पर दबाव पड़ता है और इससे हाथ की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है। कलाई के जिस हिस्से से यह नस हाथ में प्रवेश करती है, उसे कार्पल टनल कहा जाता है और जब यह किसी कारणवश दब जाती है तो कार्पल टनल सिंड्रोम की समस्या होती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण
1) काफी समय तक लैपटॉप या कंप्यूटर पर टाइपिंग करना या इसी तरह की अन्य कोई गतिविधि कार्पल टनल सिंड्रोम का कारण बन सकती है। 2) कलाई का फ्रैक्चर या कलाई में लगी ऐसी चोट जो मीडियन नर्व को प्रभावित करे, वह भी कार्पल टनल सिंड्रोम का कारण हो सकती है। 3) मधुमेह, मोटापा, थायराइड, आर्थराइटिस और किडनी फेलियर जैसी समस्याएं भी कार्पल टनल सिंड्रोम का खतरा बढ़ा देती हैं।
कार्पल टनल सिंड्रोम से जुड़े लक्षण
1) किसी एक या दोनों हाथों के अंगूठों में सुन्नपन महसूस होना। कभी-कभी ऐसा हाथ की अन्य उंगलियों में भी महसूस हो सकता है। 2) हाथों या फिर उंगलियों में बार-बार चुभन और दर्द होना या फिर किसी चीज को पकड़ने पर हाथ में असुविधा महसूस होना 3) रात में कलाई के दर्द से नींद का प्रभावित होना 4) कलाई में असहनीय दर्द का सामना करना
कार्पल टनल सिंड्रोम का कैसे पता लगाया जा सकता है?
कार्पल टनल सिंड्रोम का पता लगाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें ताकि वह शारीरिक जांच और टेस्ट के बाद आपको इस समस्या के बारे में बता सके। इसके लिए डॉक्टर कलाई का एक्स-रे कराने का निर्देश दे सकते हैं या फिर इलेक्ट्रोमोग्राफी टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं जिससे मांसपेशियों और उन्हें नियंत्रित करने वाली नसों की जांच की जाती है। इसके अलावा नर्व कंडक्शन स्टडी टेस्ट से भी कार्पल टनल सिंड्रोम का पता चल सकता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम से बचने के उपाय
1) कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते समय कलाई पर अधिक दबाव डालने से बचें। वहीं अगर टाइपिंग के दौरान सुन्नपन या दर्द महसूस हो तो तुरंत इस तरह के काम से ब्रेक लें। 2) सोते समय कलाई का इस्तेमाल तकिये की तरह न करें। 3) खेलते या अन्य गतिविधियां करते समय ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल ज्यादा न करें जिनमें कंपन (vibration) होता हो। 4) नियमित तौर पर हाथों की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें।