अग्न्याशय की कार्यप्रणाली में सुधार करने में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन
क्या है खबर?
अग्न्याशय पाचन क्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि यह भोजन को पचाने के लिए आवश्यक एंजाइमों का उत्पादन करता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि योग व्यायाम का एक रूप है, जो अग्न्याशय के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने और उनके कार्य में सुधार करने में मदद कर सकता है।
आइए इसके लिए लाभदायक 5 योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जिन्हें आप अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
#1
वीरासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में एकदम सीधे बैठें, फिर धीरे-धीरे अपने तलवों को फैलाएं और कूल्हों को दोनों पैरों के बीच में से जमीन पर टिकाने की कोशिश करें।
इसके बाद दोनों हाथों को सीधा तान कर घुटनों पर रखें। इस दौरान कंधों को आराम की मुद्रा में रखें। इसी मुद्रा में 3 से 4 मिनट तक रहने के बाद धीरे-धीरे प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
यहां जानिए वीरासन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
#2
धनुरासन
सबसे पहले चटाई पर पेट के बल लेट जाएं, फिर दोनों घुटनों को कमर की तरफ से मोड़े और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ लें।
इसके बाद सांस लेते हुए पूरी शरीर को इस प्रकार ऊपर उठाने की कोशिश करें कि शरीर का आकार धनुष के समान लगे।
अब अपनी क्षमता के हिसाब से इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें। कुछ सेकेंड बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#3
बद्धकोणासन
बद्धकोणासन के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
इसके बाद पैरों को मोड़कर दोनों तलवों को आपस में मिला लें। अब दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें।
कुछ सेकंड के बाद आसन को धीरे-धीरे छोड़ दें।
#4
जानुशीर्षासन
सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठ जाएं।
अब दाएं घुटने को मोड़ते हुए बाईं जांघ के सहारे लगा लें। इसके बाद शरीर को आगे की तरफ झुकाएं और बाएं पैर के अंगूठे को दोनों हाथों से पकड़ने की कोशिश करें।
इसी मुद्रा में आप अपने सिर को घुटनों से छूने की कोशिश करें।
कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी दोहराएं।
#5
हलासन
हलासन करने के लिए योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं, फिर हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए टांगों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं।
इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस शुरुआती अवस्था में आ जाएं।