फैटी लिवर बीमारी के उपचार के लिए अपनी डाइट में शामिल करें ये 5 असरदार जड़ी-बूटियां
इन दिनों भारत के लोगों में फैटी लिवर की बीमारी आम होती जा रही है। यह समस्या लिवर में वसा के जमा होने के कारण उत्पन्न होती है। इसके लक्षणों में पीलिया, बुखार, नसों में दर्द और सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या में वृद्धि शामिल हैं। यह स्वास्थ्य संबंधी समस्या खराब डाइट और जीवनशैली की वजह से होती है। आप इन 5 आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से फैटी लिवर का उपचार कर सकते हैं।
हल्दी
हल्दी को आयुर्वेद में सदियों से उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता आया है। यह ऐसी जड़ी-बूटी है, जो फैटी लिवर के लक्षणों को प्राकृतिक तौर पर कम कर सकती है। हल्दी में करक्यूमिन नामक एक यौगिक होता है, जो शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होता है। हल्दी सूजन को कम करती है, शरीर को डीटॉक्स करती है और सफेद कोशिकाओं को क्षति से बचाकर लिवर के स्वास्थ्य को दुरुस्त करती है।
गिलोय
गिलोय एक बेहद असरदार जड़ी-बूटी है, जिसे गुडुची भी कहा जाता है। यह हमारे लिवर को कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है। गिलोय लिवर को प्राकृतिक तौर से डीटॉक्स करता है, सूजन को कम करने में मदद करता है और विषाक्त पदार्थों के कारण होने वाले नुकसान से लिवर की सुरक्षा करता है। इसके सेवन से लिवर में जमी वसा को निकाला जा सकता है। जानें फैटी लिवर होने के कारण और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
अदरक
फैटी लिवर को ठीक करने के लिए डाइट में अदरक शामिल करने की सलाह दी जाती है। इसमें शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करके लिवर के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। यह जड़ी-बूटी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होती है, जिसके कारण यह लिवर में जमी हुई वसा को निकाल सकती है। आप रोजाना अदरक वाली चाय पी सकते हैं या इसे अपने भोजन में इस्तेमाल कर सकते हैं।
पुनर्नवा
पुनर्नवा आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल होने वाली एक बेहद असरदार जड़ी बूटी है। यह लिवर के स्वास्थ्य का समर्थन करती है और फैटी लिवर के लक्षणों को ठीक करने में मदद करती है। इसके सेवन से आप अपने लिवर को डीटॉक्स कर सकते हैं और सूजन को कम कर सकते हैं। पुनर्नवा शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थों को बाहर निकालकर मोटापे से लड़ने में भी सहायक साबित हो सकता है।
दूध थीस्ल
दूध थीस्ल लिवर के स्वास्थ्य को दुरुस्त करने के लिए एक प्रसिद्ध जड़ी बूटी है। इसे आमतौर पर लिवर की बिमारियों के आयुर्वेदिक उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें मौजूद तत्व और घटक लिवर कोशिकाओं की मरम्मत करने में मदद करते हैं। साथ ही यह लिवर को डीटॉक्स करके सूजन को कम करता है। आप फैटी लिवर के लक्षणों को कम करने के लिए इन फलों को भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।