मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद कर सकते हैं ये 5 योगासन, ऐसे करें अभ्यास
जिम के विपरीत योग में मांसपेशियों की मजबूती के लिए वजन उठाने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें शरीर का वजन ही डंबल जैसा काम कर सकता है। योग में ऐसे कुछ योगासन हैं, जिनका अभ्यास करने से मांसपेशियां बनाने और उन्हें मजबूत रखने में मदद मिल सकती है। इसलिए अगर आप जिम पर फिजूलखर्ची करे बिना मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे बताए गए 5 योगासनों का अभ्यास जरूर करें।
वीरभद्रासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर खड़े हो जाएं। अब पैरों को 3-4 फीट की दूरी तक फैलाएं और दोनों हाथों को कंधे की सीध में फैला लें। इसके बाद दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर दाएं घुटने को मोड़ें। ऐसा करते वक्त गहरी सांस लेते रहें। थोड़ी देर बाद सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं और फिर इसी प्रक्रिया को बाएं तरफ से दोहराएं। यहां जानिए वीरभद्रासन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
त्रिकोणासन
सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं, फिर दोनों पैरों को जितना हो सके उतना खोलें। इसके बाद दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं और फिर एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस मुद्रा में 2-3 मिनट तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़े, फिर इसी प्रक्रिया दूसरे हाथ की तरफ से दोहराएं।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर हथेलियों को नीचे की ओर सीधा रखें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। इसके बाद कूल्हों को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं और इस दौरान हाथ जमीन पर रखें। ऐसा करते हुए सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य स्थिति में आ जाएं।
बकासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और फिर हथेलियों को जमीन पर रखें। अब शरीर के भार को दोनों हथेलियों पर डालते हुए दोनों पैरों को ऊपर की तरफ खींचते हुए घुटनों को कोहनियों के पास ले जाएं। कुछ समय तर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं। ऐसा करने से आप छाती, कंधों और कूल्हों के आसपास खिंचाव महसूस करेंगे।
शीर्षासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं, फिर दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करते हुए आगे की तरफ झुककर हाथों को जमीन पर रखें। अब सिर को झुकाकर जमीन से सटाएं। फिर पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सीधे कर लें। कुछ सेकेंड इसी मुद्रा में बने रहे और सामान्य गति से सांस लेते रहें, फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को नीचे करें और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।