ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए फायदेमंद हैं ये योगासन, रोजाना करें अभ्यास
आजकल ज्यातातर लोग खराब ब्लड सर्कुलेशन की समस्या जूझ रहे हैं। इसके कारण त्वचा और शरीर में कई तरह की अन्य समस्याएं होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। हालांकि, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। योग विज्ञान में ऐसे कई योगासन हैं जो शरीर के ब्लड सर्कुलेशन सुधारने में मदद करते हैं। आइए आज ऐसे ही 5 योगासन और उनके अभ्यास के तरीके जानते हैं।
ताड़ासन
ताड़ासन सबसे सरल योगासनों में से एक है, जिसे आप ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने के लिए कर सकते हैं। सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें और फिर कलाइयों को बाहर की ओर मोड़ लें। इसके बाद हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाएं। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हो और शरीर को ऊपर की ओर खीचने की कोशिश करें।
विपरीत करणी
विपरीत करणी ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करने में मददगार है। यह उन लोगों के लिए लाभकारी मुद्रा है जो बहुत बैठते हैं। सबसे पहले किसी फर्श पर पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को ऊपर की तरफ उठाते हुए 90 डिग्री का कोण बना लें। इस दौरान आपके तलवे ऊपर की ओर होने चाहिए। इसके बाद कूल्हों को भी ऊपर उठाने की कोशिश करें। कुछ देर इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
उत्कटासन
सबसे पहले योगा मैट पर ताड़ासन की अवस्था में खड़े हो जाएं और फिर अपने हाथों को जमीन के समांतर आगे की ओर सीधा करेंें या उन्हें आसमान की ओर सीधा उठा लें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने घुटनों के सहारे नीचे आएं और कुर्सी का आकार लेकर इसी स्थिति में रुकने की कोशिश करें। इस अवस्था में पीठ को बिल्कुल सीधा रखें और कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
उत्तानासन
इस योग के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इसके बाद कूल्हों की तरफ से मुड़ते हुए नीचे की ओर झुकें। ध्यान रहें कि आपके घुटने बिल्कुल सीधे हों और पैर एक−दूसरे के समानांतर हों। इसके बाद हाथों से अपने पंजों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे−धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। इस योगासन के नियमित अभ्यास से आपको काफी फायदा होगा।
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और फिर हथेलियों को नीचे की ओर सीधा रखें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। अब कूल्हों को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं और इस दौरान हाथ जमीन पर रखें। ऐसा करते हुए सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य स्थिति में आ जाएं।