कोरोना वायरस: संभावित वैक्सीन की रेस हुई तेज, छह शहरों में इंसानी ट्रायल शुरू
कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ स्वदेशी संभावित वैक्सीन की रेस तेज हो गई है। भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की संभावित वैक्सीन्स का छह शहरों में इंसानी ट्रायल शुरू हो चुका है। सबसे ताजा मामले में शुक्रवार को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में एक 30 वर्षीय युवक को भारत बायोटेक की संभावित वैक्सीन 'कोवैक्सिन' की खुराक दी गई। इंसानी ट्रायल के पहले और दूसरे चरण की मंजूरी मिलने के बाद दोनों कंपनियों ने ट्रायल शुरू किए हैं।
तीसरी वैक्सीन का भी ट्रायल जल्द शुरू होगा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की जा रही संभावित वैक्सीन का भी भारत में इंसानी ट्रायल जल्द शुरू हो सकता है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर इस वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है। मंजूरी मिलने के बाद इंस्टीट्यूट भारत में इस वैक्सीन का इंसानी ट्रायल शुरू कर देगा। गौरतलब है कि इस वैक्सीन ने अभी तक के ट्रायल में उत्साहवर्धक नतीजे दिए हैं। यह संक्रमण से दोहरी सुरक्षा देने में कामयाब हुई है।
इन छह शहरों में शुरू हुआ वैक्सीन का ट्रायल
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का देशभर के 12 शहरों के अस्पतालों में ट्रायल होगा। इनमें से पटना, कांचीपुरम दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, चेन्नई में इसका इंसानी ट्रायल शुरू हो गया है। वहीं गोवा में आज वॉलेंटियर को इसकी खुराक दी जाएगी। इसके बाद बेलगाम, गोरखपुर, नागपुर, कानपुर और विशाखापट्टनम में ट्रायल शुरू होगा। दूसरी तरफ जाइडस कैडिला अपनी वैक्सीन ZyCoV-D का अहमदाबाद स्थित रिसर्च सेंटर में ट्रायल कर रही है, जिसे बाद में दूसरे शहरों में शुरू किया जाएगा।
अभी तक वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं
अभी तक जिन अस्पतालों में वॉलेंटियर को वैक्सीन की खुराक दी गई है, उनमें कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है। कुछ वॉलेंटियर में दर्द या हल्के बुखार जैसे लक्षण देखे गए, जो बाद में आसानी से ठीक हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि हर वैक्सीन के साथ ऐसा होता है। जिन वॉलेंटियर पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है उनकी सेहत पर नियमित रूप से नजर रखी जा रही है।
क्या होता है इंसानी ट्रायल?
जैसा नाम से जाहिर है, इस ट्रायल के दौरान किसी नई दवा या वैक्सीन का इंसानों पर प्रयोग किया जाता है। ट्रायल में भाग लेने वाले सभी लोगों का स्वस्थ होना जरूरी है। इंसानी ट्रायल में दो बातों पर मुख्य तौर से ध्यान दिया जाता है। पहली बात यह कि कोई वैक्सीन इंसानों के प्रयोग के लिए कितनी सुरक्षित है और दूसरी कि वैक्सीन के बाद उनमें किसी बीमारी या वायरस के प्रति इम्युनिटी पैदा होती है या नहीं।
कोई वैक्सीन कैसे काम करती है?
वैक्सीन के जरिये हमारे इम्युन सिस्टम में कुछ मॉलिक्यूल्स, जिन्हें वायरस का एंटीजंस भी कहा जाता है, भेजे जाते हैं। आमतौर पर ये एंटीजंस कमजोर या निष्क्रिय रूप में होते हैं ताकि हमें बीमार न कर सकें, लेकिन हमारा शरीर इन्हें गैरजरूरी समझकर एंटी-बॉडीज बनानी शुरू कर देता है ताकि उनसे हमारी रक्षा कर सके। आगे चलकर अगर हम उस वायरस से संक्रमित होते हैं तो एंटी-बॉडीज वायरस को मार देती हैं और हम बीमार होने से बच जाते हैं।
देश में क्या है संक्रमण की स्थिति?
वैक्सीन और प्रभावी इलाज के लंबे होते इंतजार के बीच देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। अभी तक भारत में 13 लाख से ज्यादा लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों की कुल संख्या 13,36,861 हो गई है। इनमें से 4,56,071 सक्रिय मामले हैं, 8,49,432 लोग ठीक हो चुके हैं और 31,358 मरीजों की मौत हुई है।