#NewsBytesExplainer: बारिश से लेकर अतिक्रमण तक, दिल्ली में बाढ़ के क्या-क्या कारण हैं?
दिल्ली में बाढ़ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर अब तक के अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है। जलभराव वाले इलाकों के सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है और करीब 16,000 लोगों को राहत शिविरों मे शिफ्ट किया गया है। कई निचले इलाकों में पानी भर गया है। आइए समझते हैं दिल्ली में बाढ़ की वजह क्या है।
सबसे पहले जानिए क्या है यमुना नदी का हाल
आज सुबह 9 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 208.52 मीटर पर पहुंच गया, जो सुबह 6 बजे 208.41 मीटर था। ये अपने आप में एक रिकॉर्ड है। इससे पहले साल 1978 में यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर दर्ज किया गया था। यमुना नदी पर बने पुराने रेलवे और सड़क पुल पर यातायात 3 दिनों से बंद है। यमुना से सटे निचले इलाकों में मंगलवार रात से ही बाढ़ का पानी घुसने लगा था।
क्या है दिल्ली में बाढ़ की वजह?
दिल्ली में बाढ़ की सबसे बड़ी तात्कालिक वजह हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़ा जाना है। ये बैराज हरियाणा में स्थित है और दिल्ली से करीब 180 किलोमीटर दूर है। 11 जुलाई को इस बैराज से 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 12 जुलाई को दिल्ली पहुंचा और यमुना का जलस्तर बढ़ने लगा। फिलहाल हथिनीकुंड से 1.30 लाख क्यूसेक तक पानी छोड़ा जा रहा है, जो 11 जुलाई के मुकाबले करीब आधा है।
हथिनीकुंड से क्यों छोड़ा जा रहा है पानी?
दरअसल, हथिनीकुंड बांध नहीं है, जहां पानी इकट्ठा किया जा सके। ये एक बैराज है, यानी यहां से केवल पानी के बहाव की रफ्तार को नियंत्रित किया जा सकता है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है, इसलिए बैराज के गेट खोलकर इसकी रफ्तार नियंत्रित की जाती है। अगर बैराज के गेट नहीं खोले जाएं तो पानी ऊपर से बहने लगता है और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।
बाढ़ आने की और क्या वजह?
केंद्रीय जल आयोग (CWC) के एक सदस्य के मुताबिक, यमुना के तट पर हो रहा अतिक्रमण भी बाढ़ की वजह है और इसकी वजह से पानी के बहने की रफ्तार बढ़ी है। पहले पानी के बहने के लिए जगह अधिक थी, इसलिए वो ज्यादा चौड़े इलाके में कम रफ्तार में बहता था। पहले हथिनीकुंड से छोड़े गए पानी को दिल्ली तक पहुंचने में 2 से 3 दिन लगते थे, लेकिन अब ये एक ही दिन में पहुंच जाता है।
यमुना की गहराई कम होना भी एक वजह
साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स, पीपल (SANDRP) के भीम सिंह रावत ने कहा कि यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी की एक वजह गाद की वजह से इसके तल की गहराई कम होना है। समाचार एजेंसी PTI से बात करते हुए उन्होंने कहा, "वजीराबाद से ओखला तक 22 किलोमीटर लंबी नदी पर 20 से अधिक पुल हैं, जो प्रवाह को बाधित करते हैं और इससे नदी के तल में गाद जमा हो गई है।"
पहाड़ी इलाकों में तेज बारिश भी एक वजह
पिछले कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में कम समय में ज्यादा बारिश हुई है। यह दिल्ली में बाढ़ का एक कारण है। अगर लंबे समय तक धीमी रफ्तार से पानी गिरता है तो वो धीरे-धीरे बहता रहता है, लेकिन कम समय में अचानक हुई बारिश से जलस्तर तेजी से बढ़ने लगता है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा में बीते कुछ दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही है। ये पानी दिल्ली आया है और बाढ़ का कारण बना है।
बाढ़ की वजह से दिल्ली में कैसे हैं हालात?
बाढ़ का पानी भरने की वजह से बाहरी रिंग रोड को बंद कर दिया गया है। मजनू का टीला से लेकर ITO तक का रास्ता भी जलमग्न है। चंगी राम अखाड़ा, मजनू का टीला, मोनेस्ट्री मार्केट, लोहा पुल और निगम बोध समेत कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। नदी से सटे नोएडा का इलाकों में भी पानी भरने लगा है। दिल्ली पुलिस ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में धारा 144 लागू की है।