
भारत में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामले, नया वेरिएंट जिम्मेदार या कम हुआ वैक्सीन का असर?
क्या है खबर?
देशभर में कोरोना वायरस के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
केरल, महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु समेत कई राज्यों में नए मामले बढ़े हैं। भारत के अलावा सिंगापुर, चीन, थाईलैंड और हांगकांग जैसे कुछ एशियाई देशों में भी कोरोनावायरस ने तेजी से पैर पसारे हैं।
इन मामलों को BA.2.86 के JN.1 सब-वेरिएंट से जोड़कर देखा जा रहा है, जिसे 'पिरोला' स्ट्रेन भी कहते हैं।
आइए मामले बढ़ने की वजह समझते हैं।
मामले
जानिए कहां-कहां पैर पसार रहा कोरोना?
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, देश में फिलहाल कोरोना वायरस के 257 सक्रिय मामले हैं। केरल में सबसे ज्यादा 95 मरीज संक्रमित हैं। वहीं, तमिलनाडु में 66, महाराष्ट्र में 56 और कर्नाटक में 13 सक्रिय मामले हैं।
इसके अलावा पुडुचेरी में 10, गुजरात में 7, दिल्ली में 5 और राजस्थान में 2 नए मामले सामने आए हैं।
गुजरात के 7 नए मामलों में 2 साल की बच्ची और 72 साल के बुजुर्ग भी शामिल हैं।
वेरिएंट
क्या बढ़ते मामलों के पीछे JN.1 वेरिएंट है जिम्मेदार?
इंडियन एक्सप्रेस से इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टर जतिन आहूजा ने कहा, "यह स्ट्रेन मौजूदा प्रतिरक्षा को चकमा दे सकता है और अधिक संक्रामक है। लेकिन यह अभी तक ओमिक्रॉन से जुड़े लक्षणों से बहुत अलग नहीं है।"
दिल्ली AIIMS में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर संजय राय ने BBC से कहा, "JN.1 कोरोना के ओमिक्रॉन वायरस का ही एक वैरिएंट है। ऐसा नहीं है कि यह कोई नया वायरस है। इसके बारे में हमें सब कुछ पता है।"
चिंता
क्या हमें चिंतित होने की जरूरत है?
डॉक्टर राय के मुताबिक, JN.1 वैरिएंट से अभी डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि इस समय जो प्रमाण हमारे पास है, उसके हिसाब से यह सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह या उससे भी कमजोर हो सकता है।
उन्होंने कहा, "अगर सामान्य सर्दी-ज़ुकाम भी किसी एक को होता है तो घर में सबको हो सकता है, लेकिन यह इतना गंभीर नहीं होता है कि किसी की मौत हो सकती है। कोरोना भी इसी तरह का हो चुका है।"
वैक्सीन
क्या वैक्सीन का असर कम हो रहा है?
विशेषज्ञों के मुताबिक, भले ही हमें वैक्सीन लगवाए लंबा समय हो गया हो, लेकिन हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की मेमोरी टी और बी कोशिकाएं अभी भी कोरोनावायरस से लड़ सकती हैं।
ये कोशिकाएं पिछले संक्रमणों या वैक्सीन से वायरस को याद रखने में सक्षम हैं।
PLOS पैथोजेन्स में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चलता है कि टी कोशिकाएं ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुछ हिस्सों को पहचान सकती हैं और बी कोशिकाएं इसे रोकने वाली एंटीबॉडी बना सकती हैं।
खतरा
कितना खतरनाक है JN.1 वेरिएंट?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं। यह पहले पाए गए XBB.1.5 और HV.1 वेरिएंट से अधिक खतरनाक है।
इसका पहला मामला 2023 में यूरोप के लक्जमबर्ग में सामने आया था।
हालांकि, इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में न तो गंभीर लक्षण देखे गए हैं और न ही मौतों में वृद्धि हुई है, लेकिन इसकी संक्रामकता ज्यादा है।
अन्य देश
बाकी देशों में कैसे बढ़ रहे हैं मामले?
सिंगापुर में 1 मई से 19 मई के बीच 3,000 नए मरीज सामने आए हैं। वहां मामलों में 28 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
हांगकांग में जनवरी से अब तक 81 मामले सामने आए हैं। इनमें से 30 की मौत हो चुकी है।
चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के मुताबिक, 4 मई से पहले के 5 हफ्तों में अस्पतालों में भर्ती होने वाली मरीजों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की दर दोगुनी से अधिक हो गई है।