कोरोना वायरस के नए वेरिएंट JN.1 ने बढ़ाई चिंता, देशभर में 21 मामलों की पुष्टि
देश में कोरोना वायरस के नए मामलों ने एक बार फिर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक पूरे देश में कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 के 21 मामलों की पुष्टि हुई है। समाचार एजेंसी PTI ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि JN.1 के नए मामलों में से 19 मामले गोवा में दर्ज किए गए हैं, जबकि केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामला सामने आया है।
कोरोना से 2 हफ्तों में 16 लोगों की मौत
NITI आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल के मुताबिक, नए वेरिएंट के सक्रिय मामलों में 92 प्रतिशत मामले होम-आइसोलेशन के हैं, जो हल्की बीमारी का संकेत देते हैं। उन्होंने कहा, "बीते 2 हफ्तों में 16 लोगों की मौत हुई है। ये लगभग उन्हीं लोगों में हुई है, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी गंभीर बीमारियां थीं। कोविड अभी गया नहीं है, इसलिए देश को सजग रहना होगा। फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है।"
देश में 2,300 से ज्यादा हुए सक्रिय मामले
पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 341 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से केरल में 292, तामिलनाडु में 13, महाराष्ट्र में 11, कर्नाटक में 9, तेलंगाना-पुडुचेरी में 4, दिल्ली-गुजरात में 3 और पंजाब-गोवा में एक-एक मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही देश में सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 2,311 हो गई है। बढ़ते मामलों के बीच आज (20 दिसंबर) को स्वास्थ्य मंत्रालय ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर राज्यों को निर्देश दिए हैं।
40 देशों में फैल गया JN.1 वेरिएंट
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, JN.1 वेरिएंट का पहला केस अगस्त, 2023 में लग्जमबर्ग में सामने आया था। उसके बाद से ये वेरिएंट 36 से 40 देशों में फैल चुका है। पॉल ने कहा, "घबराने की जरूरत नहीं है। भारत में वैज्ञानिक नए वेरिएंट पर कड़ी नजर रख रहे हैं।" हालांकि, पॉल ने राज्यों को कोविड की तैयारी बढ़ाने, परीक्षण बढ़ाने और अपनी निगरानी प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
राहत की बात- मरीजों में गंभीर लक्षण नहीं
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में JN.1 वेरिएंट के कारण किसी क्षेत्र के हॉटस्पॉट बनने का मामला सामने नहीं आया है और सभी मरीजों में हल्के लक्षण देखे गए। जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एंड्रयू पेकोज ने कहा है कि JN.1 अधिक जोखिम पैदा नहीं करता है।
कितना खतरनाक है JN.1 वेरिएंट?
WHO के अनुसार, JN.1 ओमिक्रॉन वेरिएंट के BA.2.86 सब-वेरिएंट से निकला है। इसकी स्पाइक प्रोटीन में 41 म्यूटेशन हैं, इसलिए JN.1 को संक्रामक माना जा रहा है। इसका पहला मामला 25 अगस्त को यूरोप के लग्जमबर्ग में सामने आया था। वेरिएंट से संक्रमित मरीजों में पहले की तरह हल्का बुखार, खांसी, नाक बंद होना, गले में खराश, नाक बहना, सिर दर्द और पेट में गड़बड़ी की शिकायत सामने आ रही हैं।