कोरोना वायरस: स्वास्थ्य मंत्रालय ने की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक, 3 राज्यों में फैला JN.1 वेरिएंट
देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के नए मामले चिंता बढ़ाने लगे हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना के 341 नए मामले सामने आए हैं। इनमें से करीब 85 प्रतिशत मामले केवल केरल से सामने आए हैं। बढ़ते मामलों के पीछे कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 को जिम्मेदार माना जा रहा है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
केरल में लगातार बढ़ रहा संक्रमण
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना के 341 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से अकेले केरल में 292 लोग संक्रमित हुए हैं। केरल में 3 मरीजों की मौत भी हुई है। इसके बाद तमिलनाडु में 13, महाराष्ट्र में 11, कर्नाटक में 9, तेलंगाना और पुडुचेरी में 4, दिल्ली और गुजरात में 3 और पंजाब-गोवा में एक-एक मामले दर्ज किए गए हैं। केरल, महाराष्ट्र और गोवा में JN.1 वेरिएंट से संक्रमित मरीज मिले हैं।
स्वास्थ्य मंत्री बोले- घबराएं नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने कहा कि अब एक-दूसरे के साथ मिलकर सरकार के दृष्टिकोण के हिसाब से काम करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, "हमारी तैयारी में किसी भी तरह की कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए और न ही मामले में किसी भी तरह की कोई राजनीति होनी चाहिए। बिना घबराए पूरी तरह से सतर्कता बरतने की जरूरत है।" मांडविया ने अस्पतालों को 3 महीने में एक बार मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए हैं।
कर्नाटक सरकार ने बुजुर्गों को दी मास्क पहनने की सलाह
कर्नाटक सरकार ने बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की सलाह दी है। सर्दी-जुकाम के मरीजों से भी मास्क पहनने और भीड़भाड़ वाले इलाकों में न जाने की अपील की गई है। सरकार ने कहा, "देश में कोविड-19 के वर्तमान परिदृश्य, पड़ोसी राज्यों में JN.1 वेरिएंट और त्योहारी माहौल को देखते हुए आम जनता को एहतियाती उपायों का पालन करने की सलाह दी जाती है।"
WHO ने JN.1 को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के नए वेरिएंट JN.1 को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के तौर पर वर्गीकृत किया है। पहले इसके मूल वेरिएंट BA.2.86 के एक हिस्से के रूप में वर्गीकृत किया गया था। WHO ने कहा, "अभी तक मिले मामलों और स्थिति को देखते हुए JN.1 स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नहीं है। मौजूदा वैक्सीन इसमें कारगर है और इसके जोखिम से मरीजों को बचाती हैं। हम लगातार मामलों की निगरानी कर रहे हैं।"