छत्तीसगढ़: इस साल हुई 136 नक्सलियों की मौत, जानिए क्या है मुठभेड़ में बढ़ोतरी का कारण
15 जून को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने 8 नक्सलियों को मार गिराया है और एक जवान भी शहीद हुआ है। इससे पहले 8 जून को भी इसी तरह की मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया था। इस साल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड कार्रवाई की है और 136 नक्सलियों को मार गिराया है। ये राज्य के गठन के बाद से एक साल में मारे गए नक्सलियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
2024 के 6 महीने में ही रिकॉर्ड नक्सलियों की मौत
2024 के शुरुआती 6 महीनों में सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान में 136 नक्सलियों को मार गिराया है। साल 2000 में छत्तीसगढ़ के गठन के बाद से ये एक साल में मारे गए नक्सलियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2016 में 134 नक्सली हताहत हुए थे। इस साल 72 नक्सलवाद विरोधी अभियानों में 392 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि 399 ने आत्मसमर्पण किया। 22 आम नागरिकों और 10 सुरक्षाकर्मियों की जान भी गई है।
क्यों बढ़ रही है मुठभेड़?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बीते 5 महीनों में पुलिस ने मुख्य नक्सली क्षेत्रों में 32 शिविर बनाए हैं, जबकि हर साल औसतन 16-17 शिविर स्थापित किए जाते हैं। ये मुठभेड़ बढ़ने की क बड़ी वजह है। अखबार से बात करते हुए एक सूत्र ने बताया कि मुठभेड़ों की बढ़ती संख्या और माओवाद के खिलाफ बड़ी सफलता राज्य पुलिस बल के नेतृत्व और पुलिस और केंद्रीय बलों के बीच बेहतर समन्वय का नतीजा है।
सरकार ने विकसित किए बुनियादी ढांचे
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, "सुरक्षा को मजबूत करने के साथ केंद्र ने माओवादी गढ़ों तक सड़कें और दूरसंचार टावर लगाने के मामले में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी में सुधार पर जोर दिया है।" उन्होंने कहा, "पिछले 6 महीनों में ही अबूझमाड़ सहित माओवादी क्षेत्रों में 20 से अधिक सुरक्षा बल शिविर खोले गए हैं। इन सभी ने बेहतर खुफिया जानकारी जुटाने, बलों की तेज आवाजाही और माओवादियों का उनके क्षेत्रों में पीछा करने में मदद की है।"
16 अप्रैल को 29 नक्सलियों की हुई थी मौत
इसी साल 16 अप्रैल को कांकेर के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में सुरक्षाबलों ने 15 महिला और 14 पुरुष नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया था। ये अब तक की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़ थी, जिसमें कमांडर शंकर राव भी ढेर हो गया था। शंकर राव पर 25 लाख रुपये का इनाम था। पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए थे। मारे गए सभी नक्सलियों पर कुल 1.78 करोड़ रुपये का इनाम था।