
छत्तीसगढ़: इस इलाके में आजादी के बाद पहली बार फहराया गया तिरंगा झंडा
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ में सुकमा का पुवर्ती गांव कभी माओवादी का गढ़ माना जाता था, अब यहां सुरक्षा बलों द्वारा एक पुलिस शिविर लगाया गया है।
NDTV के मुताबिक, आजादी के बाद पहली बार गांव में तिरंगा झंडा फहराया गया है। यहां कभी माओवादी सामानांतर सरकार चलाते थे।
सुकमा के पुलिस अधीक्षक का कहना है कि शिविर लगाने से माओवादी के हौसले टूटेंगे। पुलिस ने यहां माओवादियों से निपटने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। ऐसे ही 7 अन्य शिविर खुले हैं।
टकराव
पुलिस ने माओवादियों के स्थलों का निरीक्षण किया
रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और राज्य पुलिस ने माओवादियों के स्थलों का जायजा लिया।
इस दौरान गांव में तालाब और खेत से किसी भी सुरक्षा दल का सामना करने के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था पाई गई। यहां से माओवादी राहगीरों पर नजर रखते थे।
पुराने स्कूल को विश्राम स्थल बनाया गया था, जो गांव के मध्य में था। इसके आसपास की जमीन पर माओवादी सब्जियां उगाते थे। पुलिस ने उसपर कब्जा कर लिया है।
गांव
प्रतिबंधित गुरिल्ला समूह के कमांडर का है पुवर्ती गांव
पुवर्ती सुकमा और बीजापुर जिलों की सीमा पर प्रतिबंधित गुरिल्ला समूह के स्वयंभू कमांडर हिडमा और उनके उत्तराधिकारी बरसा देवा का पैतृक गांव है।
यहीं पर माओवादियों ने सुरक्षा बलों के खिलाफ रणनीति और हमले की योजना बनाई थी। कई किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में माओवादी प्रशिक्षण शिविर था और आसपास की बस्तियों में रहने वाले युवा ग्रामीणों को भर्ती करते थे।
पुलिस ने हिडमा की मां से भी मुलाकात की और उनको हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।