
कौन थे कश्मीरी पंडित टीका लाल टपलू, जिनका प्रधानमंत्री मोदी ने किया जिक्र?
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव प्रचार के क्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोडा में पहली रैली की।
इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और भाजपा के लिए वोट मांगे। भाषण में प्रधानमंत्री ने कश्मीरी पंडित टीका लाल टपलू का भी जिक्र किया। आज ही के दिन 1989 में उनकी हत्या कर दी गई थी।
आइए आज टपलू के बारे में जानते हैं।
बयान
टपलू के बारे में प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने कहा, "आज हमने टीका लाल टपलू को याद किया है, उन्हें श्रद्धांजलि दी है। 3 दशक से ज्यादा हो गए। इसी दिन उन्हें आतंकवादियों ने शहीद किया था। उनकी हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों के साथ अत्याचार का एक अंतहीन सिलसिला चला। ये भाजपा है, जिसने कश्मीरी पंडितों की आवाज उठाई और उनके हित में काम किया। जम्मू कश्मीर भाजपा ने कश्मीरी हिंदुओ की वापसी और पुनर्वास के लिए टीका लाल टपलू योजना बनाने का ऐलान किया है।"
टपलू
कौन थे टपलू?
टपलू का जन्म श्रीनगर में 1930 में हुआ था। उन्होंने 1945 में पंजाब विश्वविद्यालय और 1958 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से वकालत की पढ़ाई की थी।
इसके बाद वे कश्मीर बार एसोसिएशन में शामिल हो गए। वे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े हुए थे।
1971 में उन्होंने जम्मू और कश्मीर हाई कोर्ट में वकील के रूप में नामांकन कराया। आपातकाल के दौरान वे जेल भी गए थे।
वजह
क्यों की गई टपलू की हत्या?
टपलू कश्मीरी पंडितों के लिए आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे। वे जम्मू-कश्मीर में भाजपा के उपाध्यक्ष भी थे।
लोग उन्हें लालाजी यानी बड़ा भाई कहते थे। इसी वजह से वे कट्टरपंथियों के निशाने पर भी थे।
टपलू को इसकी भनक लग गई थी। इसलिए अपने ऊपर हुए हमले से कुछ दिन पहले ही टपलू ने अपने परिवार को दिल्ली लाकर छोड़ दिया था और खुद वापस कश्मीर लौट गए थे।
हत्या
कब और कैसे हुई टपलू की हत्या?
8 सितंबर, 1989 को टपलू कश्मीर लौटे थे और 12 सितंबर को चिंकराल मोहल्ला स्थित उनके घर पर हमला किया गया। हालांकि, टपलू इससे बच निकलने में कामयाब रहे।
लेकिन 14 सितंबर को हाई कोर्ट जाते समय 3 आंतकियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी।
माना जाता है कि टपलू की हत्या के पीछे जावेद अहमद मीर उर्फ जावेद नलका का हाथ था। इस घटनाक्रम के बाद कश्मीरी पंडितों की हत्या का दौर शुरू हो गया।
चुनाव
जम्मू-कश्मीर में कब होगा मतदान?
जम्मू-कश्मीर में 3 चरणों में विधानसभा चुनाव होना है।
पहले चरण में 18 सिंतबर को मतदान होगा। दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे।
वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।
2014 के बाद से परिसीमन और अनुच्छेद 370 हटने के बाद से पहला विधानसभा चुनाव है।
2014 के चुनावों में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था, जिसके बाद भाजपा ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) के साथ सरकार बनाई थी।