कश्मीर: आतंकवादियों ने एक और कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या की, बैंक में था तैनात
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अचन इलाके में रविवार को संदिग्ध आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों ने संजय शर्मा नाम के शख्स पर गोलीबारी की और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हमलावरों ने अचन के स्थानीय बाजार में इस घटना को अंजाम दिया। मृतक बैंक में सुरक्षाकर्मी के पद पर तैनात था।
आतंकियों ने सुबह दिया घटना को अंजाम
पुलिस उप महानिरीक्षक रईस अहमद ने कहा, "यह घटना सुबह करीब 10:30 बजे की है। संजय शर्मा अपनी पत्नी के साथ बाजार जा रहे थे, तभी उन पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। अभी तक जो भी साक्ष्य मिले हैं, उनके आधार पर हम कार्रवाई कर रहे हैं। हम जल्द ही आतंकवादियों को पकड़ लेंगे।" उन्होंने कहा कि पूरे इलाके की घेरांबदी कर दी गई है और आतंकी बचकर नहीं निकल सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने व्यक्त किया घटना पर शोक
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पुलवामा में कश्मीरी पंडित की हत्या पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, "मुझे बहुत दुख हुआ है। यह खून-खराबा खत्म होना चाहिए। दुर्भाग्य से कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया जाना जारी है। मैं कश्मीरी पंडितों की रक्षा के लिए घाटी में मुसलमानों से अपील करूंगा। हमें एक दिन अल्लाह का सामना करना है। अगर हम अपने पंडित भाइयों की रक्षा करने में विफल रहे तो हम अल्लाह से क्या कहेंगे।"
घाटी में पंडितों के लिए अनुकूल माहौल नहीं- अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, "मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि कश्मीरी पंडित, जो सरकारी कर्मचारी हैं, उन्हें घाटी में लौटने के लिए मजबूर न करें। दुख की बात है कि घाटी में पंडितों के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है। जो कश्मीर पंडित सरकारी कर्मचारी हैं, उन्हें जम्मू में समायोजित करते हुए वेतन जारी किया जाना चाहिए।" दरअसल, आतंकी घाटी में कश्मीरी पंडितों को अपना निशाना बना रहे हैं। इसके चलते कश्मीरी पंडितों में दहशत है।
लगातार कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे हैं आतंकी
पिछले साल कश्मीर में आतंकियों ने 22 लोगों की लक्षित हत्याएं की थीं, जिनमें तीन कश्मीरी पंडित शामिल थे। 16 अक्टूबर को शोपियां के चौधरीगुंड गांव में कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या कर दी गई थी। इससे 16 अगस्त को शोपियां में ही एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी गई थी। वहीं 12 मई को आतंकियों ने बडगाम में तहसीलदार के दफ्तर में घुसकर राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
दहशत के कारण घाटी छोड़ कर जा रहे कश्मीरी पंडित
इन लक्षित हत्याओं के कारण कश्मीरी पंडित दहशत में हैं और पिछले कुछ महीनों में कश्मीरी पंडितों के कम से कम 17 परिवार घाटी छोड़ चुके हैं। पिछले साल अक्टूबर में ही कश्मीरी पंडितों के 10 परिवार दक्षिण कश्मीर के शोपियां के चौधरीगुंड गांव को छोड़कर जम्मू चले गए। कृष्ण भट की हत्या के बाद वो दहशत में थे। इन पंडितों ने 1990 के दशक के मुश्किल समय में भी कश्मीर नहीं छोड़ा था, लेकिन अब उन्हें मजबूर होना पड़ा।
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याएं जारी हैं। हाल ही में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर पत्र लिखते हुए उनका दर्द साझा किया था। उन्होंने इस पत्र में लिखा था, "सरकारी कर्मचारी और अधिकारी जो कश्मीरी पंडित हैं, उन्हें पर्याप्त सुरक्षा के बिना घाटी में लौटने के लिए मजबूर न करें।"