भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए किस टेस्ट की है बेहतरीन सटीकता
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है और संक्रमितों की संख्या 17 लाख के पास पहुंच गई है। बड़ी बात यह है कि देश में पर्याप्त टेस्टिंग नहीं होने से संक्रमितों की वास्तविक संख्या नहीं बताई जा सकती है। इसमें टेस्टों की सटीकता भी बड़ा कारक है। दिल्ली हाई कोर्ट ने रैपिट एंटीजन टेस्ट (RAT) को लेकर भी चिंता जताते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को विश्वसनीयता का आकलन करने के लिए कहा है।
बढ़ता संक्रमण और झूठी नेगेटिव रिपोर्ट
TOI के अनुसार, यदि किसी इंसान में कोरोना वायरस के लक्षण है, लेकिन उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो RAT किट की जांच जरूरी होती है। इसका कारण है कि RAT में लक्षण के बाद भी नेगेटिव रिपोर्ट आ सकती है। इसमें एक साथ अधिक लोगों की जांच तो की जा सकती है, लेकिन इसकी नेगेटिव रिपोर्ट सटीक नहीं है। इसमे झूठी नेगेटिव रिपोर्ट आ सकती है। ऐसे में नेगेटिव रिपोर्ट वालों का मानक RT-PCR टेस्ट होना आवश्यक है।
मुंबई में RAT में नेगेटिव आए लोगों में से 65 प्रतिशत के हुई संक्रमण की पुष्टि
RAT में झूठी नेगेटिव रिपोर्ट का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि मुंबई में RAT नेगेटिव आए लोगों में से 65 प्रतिशत को RT-PCR में संक्रमित पाया गया है। इसी तरह दिल्ली में 18 जून से 21 जुलाई के बीच RAT में नेगेटिव आने वालों में से 15 प्रतिशत के RT-PCR टेस्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसी प्रकार तेलंगाना के स्वास्थ्य अधिकारियों ने 7 प्रतिशत लोगों में RAT से झूठी नेगेटिव रिपोर्ट आने का अनुमान लगाया है।
RAT और RT-PCR टेस्ट में यह है प्रमुख अंतर
RAT से जांच करने में महज 15-30 मिनट में रिपोर्ट आ जाती है। इस टेस्ट की कीमत 450 रुपये है और इसकी रिपोर्ट को आंखों से देखा जा सकता है। इसी तरह मानक RT-PCR में रिपोर्ट आने में तीन-चार घंटे का समय लगता है और इससे जांच की लागत 2,000-2,500 रुपये आती है। इसमें मशीन से देखकर ही संक्रमण का पता लगाया जा सकता है। ऐसे में RT-PCR टेस्ट को संक्रमितों का पता लगाने के लिए बेहतर माना जाता है।
ICMR ने RAT में नेगेटिव आने वालों का RT-PCR टेस्ट करने की दी है सलाह
बता दें कि ICMR ने अधिक टेस्ट और संक्रमितों का तेजी से पता लगाने के लिए RAT को मंजूरी दी थी। हालांकि उसने साफ किया था कि RAT में नेगेटिव आने वाले संदिग्ध मरीजों का आवश्यक रूप से RT-PCR टेस्ट किया जाए। इसके बाद भी महाराष्ट में RAT में नेगेटिव आने वालों में से एक प्रतिशत का ही RT-PCR टेस्ट किया गया है। यही कारण है कि देश में संक्रमितों की वास्तविक संख्या का पता नहीं लगाया जा सकता है।
महाराष्ट्र में RAT किट से जांच में 16.5 प्रतिशत में हुई संक्रमण की पुष्टि
महाराष्ट में RAT से जांच कराने वाले 1.9 लाख लोगों में से 16.5 प्रतिशत के संक्रमण की पुष्टि हुई, जबकि, 1.6 लाख लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इनमें से महज 1,817 का ही RT-PCR टेस्ट किया गया है। यही हालत अन्य राज्यों की है।
टेस्ट किट पर ही निर्भर होता है RAT
RAT टेस्ट पूरी तरह से किट पर ही निर्भर होता है। इसकी प्रत्येक किट में कोविड एंटीजन टेस्ट डिवाइस, वायरल लेसिस बफर और सैंपल लेने के लिए एक जीवाणुरहित पट्टी के साथ वायरल निकासी ट्यूब लगी होती है। इसमें नाक का स्वैब लिया जाता है और इसे वायरल निष्कर्षण बफर में डाला जाता है। यह बफर वायरस को निष्क्रिय करता है और जैव सुरक्षा देता है। इसमें मौजूद एंटीजन एंटीबॉडी के उत्पादन के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रेरित करता है।
RT-PCR टेस्ट में मशीन के माध्यम से होती है सैंपल की जांच
RT-PCR मशीन में जांच के लिए नाक और गले से स्वैब लिया जाता है। इसमें वायरस के RNA का पता चलता है। वायरस का पता लगाने से पहले RNA को DNA में बदलने के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन प्रक्रिया अपनाई जाती है। सैंपल से प्रोटीन और वसा को हटाने के लिए केमिकल सोल्यूशन का उपयोग किया जाता है। इसके बाद सैंपल में केवल RNA रह जाता है। इस टेस्ट में हल्के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को RAT से जांच करने से रोका
जून में दिल्ली में RAT टेस्ट की संख्या तो बढ़ गई, लेकिन RT-PCR टेस्ट में गिरावट आ गई। इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने चिंता जताई और RAT को रोककर सीरोलॉजिकल सर्वे कराया। इसमे सामने आया कि दिल्ली में 40 लाख लोग संक्रमित हो सकते हैं।
कोरोना संक्रमितों की जानकारी में भारी असमानता- रिपोर्ट
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या की सटीक जानकारी को लेकर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा कि राज्य सरकारों द्वारा कोरोना संक्रमितों की दी जा रही रिपोर्ट में भारी असमानता है। अध्ययन में उपलब्धता, पहुंच, बारीकियों और गोपनीयता के आधार पर डाटा का विश्लेषण किया गया था। इसमें उत्तर प्रदेश और बिहार शून्य स्कोर के साथ 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे नीचे रहे थे।
सही डाटा उपलब्ध कराने में शीर्ष पर रहा था कर्नाटक
अध्ययन के अनुसार कर्नाटक राज्य 0.61 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा था। केरल 0.52 अंकों के साथ दूसरे तथा 0.50 अंकों के साथ ओडिशा, तमिलनाडु और पुदुचेरी तीसरे पायदान पर थे। नीचे से दूसरे पायदान पर हिमाचल और मेघायल रहे थे।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति
भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 17 लाख के नजदीक पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब तक कोरोना वायरस के कुल 16,95,988 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 5,65,103 से सक्रिय मामले हैं, 10,94,374 लोग महामारी को हराकर ठीक हो चुके हैं और 36,511 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। बीते 24 घंटे में देशभर में रिकॉर्ड 57,118 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई और 764 लोगों ने दम तोड़ा।