क्या कोरोना वायरस का कर्व फ्लैट करने में कामयाब रही मुंबई? जानें क्या कहते हैं आंकड़े
क्या है खबर?
देश का आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई में भले ही कोरोना वायरस के मामले कम होना शुरू नहीं हुए हों, लेकिन शहर का कर्व फ्लैट होने के संकेत मिलने लगे हैं। पिछले 10 दिन में शहर में रोजाना औसतन लगभग 1,300 से नए मामले सामने आए हैं, वहीं इससे पहले के दो हफ्तों में भी ये 1,200 से 1,300 के बीच में रहे थे।
हालांकि विशेषज्ञों ने टेस्टों की संख्या बढ़ाने की जरूरत भी बताई है।
स्थिति
पिछले 10 दिन से मुंबई में रोजाना आ रहे औसतन 1,293 मामले
मुंबई देश का कोरोना वायरस से दूसरा सबसे अधिक शहर है और यहां अब तक 84,524 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है जिनमें से 4,899 की मौत हुई है।
शहर में 5 जुलाई से शुरू होकर पिछले 10 दिनों में 1,287, 1,163, 1,338, 1,554, 1,487, 893, 1,226, 1,287, 1,402 और 1,297 मामले सामने आए हैं और रोजाना का औसत 1,293 रहा है।
27 जून और 20 जून को खत्म हुए हफ्तों में ये आंकड़ा क्रमश: 1,275 और 1,214 था।
तुलना
महाराष्ट्र के विपरीत है मुंबई की स्थिति
इसका मतलब 14 जून से मुंबई में कोरोना वायरस के मामलों में कोई बड़ा उछाल नहीं आया है। उसकी ये स्थिति महाराष्ट्र के विपरीत है, जहां मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते रोजाना औसतन 5,847 नए मामले सामने आए, जो अब तक सबसे अधिक है। इससे पहले के हफ्ते में ये आंकड़ा 4,418 और उससे पहले के हफ्ते में ये आंकड़ा 3,376 था, यानि महाराष्ट्र का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है।
अच्छे संकेत
मुंबई में सक्रिय मामलों की प्रतिशत घटी, रिकवरी रेट बढ़ी
रोजाना नए मामलों के अलावा सक्रिय मामलों के नजरिए से भी मुंबई का ग्राफ फ्लैट होता हुआ नजर आ रहा है। 5 जुलाई को शहर में सक्रिय मामलों की संख्या 23,732 है। इसके विपरीत 25 जून को शहर में 27,659 सक्रिय मामले थे।
इसका मतलब पिछले 10 दिन में मुंबई में सक्रिय मामलों की संख्या 14.2 प्रतिशत घटी है। वहीं इस दौरान ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 55.23 प्रतिशत से बढ़कर 66.12 प्रतिशत हो गई है।
सवाल
विशेषज्ञों ने उठाया पर्याप्त टेस्टिंग न होने का सवाल
इन अच्छे संकेतों के बीच कुछ विशेषज्ञों ने मुंबई में पर्याप्त टेस्टिंग न होने का सवाल उठाया है। 25 जून से 3 जुलाई के बीच राज्य में रोजाना औसतन 5,025 टेस्ट किए गए, जबकि 1 जून से 24 जून के बीच ये आंकड़ा 4,298 टेस्ट का था।
विशेषज्ञों का कहना है कि चूंकि शहर में टेस्ट की संख्या उतनी ही रही है, इस कारण पॉजिटिव मामलों की संख्या भी बढ़ी नहीं है और टेस्ट बढ़ाने पर ज्यादा मामले सामने आएंगे।
जबाव
कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सदस्य ने कहा- पर्याप्त है टेस्टिंग
हालांकि महाराष्ट्र की कोरोना वायरस टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी ने कम टेस्टिंग के सवाल को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि अप्रैल में जब मुंबई में रोजाना 2,500 से 4,000 टेस्ट किए जा रहे थे, तब टेस्ट पॉजिटिविटी रेट बहुत ज्यादा थी और 28 अप्रैल को ये 51.43 प्रतिशत रही।
उन्होंने कहा कि जून और जुलाई में टेस्टिंग बढ़ाने के बावजूद ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं और टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी कम रही है।
अंतर
पूरे मुंबई की स्थिति एक समान नहीं
मुंबई में भले ही कोरोना वायरस का कर्व फ्लैट हो रहा हो, लेकिन यहां भी पूरे शहर की स्थिति एक समान नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, केवल दक्षिण मुंबई में कोरोना के मामले स्थिर हुए हैं, जहां से अब तक ज्यादातर मामले सामने आ रहे थे। वहीं उत्तर मुंबई में कोरोना का ग्राफ धीरे-धीरे ऊपर चढ़ता जा रहा है।
सबसे बड़े स्लम धारावी में मामने आना कम हो गए हैं, लेकिन बोरीवली, दहिसर और कांदिवली में मामले बढ़ रहे हैं।