पुलवामा हमला चार्जशीट: साजिश की कड़ियां जोड़ने में FBI ने की थी NIA की मदद
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पुलवामा आतंकी हमले की 13,500 पन्ने की चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें NIA ने व्हाट्सऐप चैट्स से लेकर ऑडियो नोट्स तक शामिल किए हैं। लगभग डेढ़ साल से हमले की जांच में जुटी NIA शुरुआत में अंधेरे में हाथ मार रही थी। इसके बाद एजेंसी को एक खराब मोबाइल फोन मिला, जिससे कई अहम सुराग हाथ लगे। इसके अलावा अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने भी NIA की मदद की थी।
सबसे पहले जानें पुलवामा आतंकी हमले में क्या हुआ था
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने विस्फोटकों से लदी कार की मदद से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर आ खड़े हुए थे और भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर इस हमले का बदला लिया था।
फारूक के फोन से मिले अहम सुराग
जांच से जुड़े एक अधिकारी ने न्यूज18 से बात करते हुए कहा कि एजेंसी किसी ठोस सबूत की तलाश में थी। इसी दौरान जांच में जुटे अधिकारियों को दक्षिण कश्मीर के नौगाम पुलिस थाने में पड़े सैमसंग के एक खराब मोबाइल फोन के बारे में पता चला। यह फोन उस जगह से बरामद किया गया था, जहां सुरक्षाबलों ने जैश आतंकी उमर फारूक और कामरान को ढेर किया था। फारूक जैश सरगना मसूद अजहर का भतीजा था।
फारूक के फोन से मिले फोटो, वीडियो और व्हाट्सऐप मैसेज
इस मोबाइल फोन में इन्क्रिप्शन की दोहरी स्तर की सुरक्षा थी। जम्मू-कश्मीर पुलिस से फोन लेने के बाद NIA ने इससे डाटा निकालने के लिए इसे सेंट्रल फॉरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री और कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERTIN) के पास भेजा। CERTIN इस फोन में सेंध लगाने में कामयाब रही और उसने एजेंसी को जरूरी डाटा मुहैया करवा दिया। इससे एजेंसी को बड़े और अहम सुराग हाथ लगे। साथ ही इससे राष्ट्रीय जांच एजेंसी की जांच की गति में भी इजाफा हुआ।
FBI ने कैसे मदद की?
इस जांच के दौरान FBI ने भी भारतीय जांच एजेंसी की मदद की थी। दरअसल, हमले के कुछ घंटों बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रवक्ता ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए एक कश्मीरी समाचार एजेंसी को व्हाट्सऐप मैसेज किया था। जब इस नंबर की जांच की गई तो पता चला कि यह बडगाम की एक महिला के नाम रजिस्टर्ड है। जब महिला की खोज शुरू हुई तो सामने आया कि उसकी काफी समय पहले मौत हो चुकी थी।
जांच में सहयोग करती रहती है FBI
अधिकारी ने बताया कि महिला की हमले से पहले ही मौत हो चुकी थी। उसके आईकार्ड और फोटो इस्तेमाल करते हुए नया सिमकार्ड खरीदा गया। बाद में उसी नंबर से जैश प्रवक्ता ने व्हाट्सऐप मैसेज कर हमले की जिम्मेदारी ली थी। अधिकारी ने आगे कहा कि इसी बीच FBI की मदद ली गई। चूंकि व्हाट्सऐप का सर्वर अमेरिका में है इसलिए FBI अनौचपारिक तौर पर ऐसी जांच में सभी देशों की मदद करती रहती है।
FBI ने बताया- पाक से चल रहा है महिला के नाम व्हाट्सऐप अकाउंट
FBI ने तकनीकी साक्ष्यों के तौर पर पता लगाया पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में बैठा जैश-ए-मोहम्मद का प्रवक्ता मोहम्मद हुसैन बडगाम की महिला के नाम पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से व्हाट्सऐप चला रहा था। इस जानकारी, फारुक के फोन से मिली फोटो, व्हाट्सऐप चैट और वीडियो के आधार पर NIA ने जैश के कई सक्रिय गुर्गों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इनसे मिली जानकारी के आधार पर साजिश की कड़ियां जुड़ती गईं।
यह होगा NIA का अगला कदम
NIA अब पाकिस्तान की एक अनुरोध पत्र भेजने की योजना बना रही है ताकि उस बैंक खाते की जानकारी हासिल की जा सके, जिससे फारूक के बैंक खाते में लगभग एक लाख पाकिस्तानी रुपये भेजे गए थे। फारुक के पाकिस्तानी बैंक खाते में यह रकम जनवरी और फरवरी से पहले भेजी गई थी। फारूक के फोन से मिली व्हाट्सऐप चैट में उसकी अपने हैंडलर के साथ हुई बातचीत मिली है, जिसमें उसने हमले में हुए खर्च का हिसाब दिया है।