तीसरी लहर की आशंका, केंद्र ने राज्यों से तैयारी करने को कहा
क्या है खबर?
देश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने राज्यों को अहम निर्देश दिए हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर संभावित लहर का सामना करने के लिए अस्थायी अस्पताल तैयार करने, बच्चों में संक्रमण के मामलों और ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा है।
साथ ही राज्यों से दवाओं और ऑक्सीजन उपलब्धता की नियमित समीक्षा को कहा गया है।
कोरोना संकट
कंट्रोल रूम्स को सक्रिय करने के निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों पर नजर रखने के लिए विशेष टीमें गठित और जिला और वार्ड स्तर पर बने कंट्रोल रूम्स को सक्रिय करने का निर्देश दिया है।
केंद्र ने सलाह दी है कि ऐसी व्यवस्था बनाए जाए, जिससे फोन करने पर मरीजों को एंबुलेंस और अस्पताल में बिस्तर मुहैया कराया जा सके।
इसके अलावा राज्यों को अस्पतालों में तैयारी बढ़ाने और अस्थायी अस्पताल तैयार करने को कहा गया है।
सलाह
हल्के लक्षण वाले मरीजों को होटल में करें आइसोलेट- केंद्र
पत्र में लिखा गया है कि राज्य सरकारें हल्के लक्षणों वाले मरीजों को आइसोलेट करने के लिए होटलों की मदद ले सकती है। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी होटलों और दूसरी जगहों पर मरीजों को आइसोलेट किया गया था।
राज्यों को पहले आई लहरों के दौरान बने कोविड देखभाल केंद्रों और दूसरी सुविधाओं का जायजा लेने को कहा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा काम में लिया जा सके।
खतरा
देश में बढ़ने लगे हैं कोरोना के मामले
भारत में पिछले कुछ दिनों से संक्रमण रफ्तार पकड़ रहा है और दैनिक मामलों में तेज इजाफा देखने को मिल रहा है।
दिसंबर के आखिरी सप्ताह की शुरुआत तक देश में 10,000 से कम मामले दर्ज हो रहे थे, लेकिन साल के पहले दिन 22,000 से अधिक लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
देश में ट्रांसमिशन रेट 1 से ज्यादा हो गई है, जबकि दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में यह 2 से पार हो गई है।
कोरोना संक्रमण
ओमिक्रॉन भी पसार रहा पैर
देश में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट भी तेजी से पैर पसार रहा है और अब तक करीब 1,500 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में ओमिक्रॉन के मामले तेजी से बढ़ेंगे और कोई भी राज्य इसके प्रसार से नहीं बच पाएगा।
नए वेरिएंट का प्रसार रोकने के लिए कई राज्यों ने स्कूल बंद कर दिए हैं और नाइट कर्फ्यू जैसी पाबंदियों को एक बार फिर से लागू किया है।