रोजाना 300 लोग छोड़ रहे भारत की नागरिकता, 7 सालों में 8.81 लाख पर पहुंचा आंकड़ा
क्या है खबर?
एक तरफ केंद्र सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पड़ोसी देशों में प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश के नागरिक ही अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं।
पिछले सात सालों में 8.81 लाख से अधिक भारतीयों ने अपनी नगारिकता छोड़ दी है।
इसी हिसाब से रोजाना औसतन 300 भारतीय अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में यह जानकारी दी है।
जानकारी
सरकार ने लोकसभा में यह दी है जानकारी
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सरकार ने लोकसभा में बताया कि विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध डाटा की माने तो 30 सितंबर, 2021 तक पिछले सात सालों में 8,81,254 भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है।
इनमें से 6,08,162 भारतीयों ने सितंबर 2017 से 30 तिसंबर 2021 तक तक अपनी नागरिकता छोड़ी है।
इसी तरह बचे हुए 2,73,092 भारतीयों ने 2015 से 2017 के बीच अपनी नागरिकता को छोड़ा था।
नागरिकता
भारतीयों ने इस तरह से छोड़ी नागरिकता
इससे पहले 1 दिसंबर को लोकसभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया था कि पिछले पांच सालों में 6,08,162 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है।
उन्होंने बताया था कि साल 2017 में 1,33,049 भारतीयों, साल 2018 में 1,34,561 भारतीयों, साल 2019 में 1,44,017 भारतीयों, साल 2020 में 85,248 और 30 सितंबर, 2021 तक 1,11,287 भारतीयों ने अपनी नागरिकता को छोड़ा है।
आवेदन
10,000 से अधिक लोगों ने किया भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन
राय ने बताया था कि पिछले पांच सालों में 10,645 लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है। इनमें से 4,177 को नागरिकता मिल चुकी है।
आवेदन करने वालों में पाकिस्तान के सबसे अधिक 7782, अफगानिस्तान के 795, अमेरिका के 227 और बांग्लादेश के 184 नागरिक शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि 2016 में 1106, साल 2017 में 817, साल 2018 में 628, साल 2019 में 987 और 2020 में 639 लोगों को भारत की नागरिकता दी गई है।
जानकारी
वर्तमान में विदेशों में रह रहे हैं 1.33 करोड़ भारतीय
राय ने लोकसभा में बताया था कि भारत की नागरिकता छोड़ने के बाद भी काफी संख्या में भारतीय विदेशों में रह रहे हैं। विदेश मंत्रालय के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्तमान में कुल 1,33,83,718 भारतीय नागरिक दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे हैं।
NRC
सरकार ने NRC पर अभी तक नहीं किया है निर्णय- राय
राय ने यह भी बताया था कि सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) तैयार करने का अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
जहां तक असम का सवाल है तो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर NRC में शामिल और शामिल नहीं किए गए लोगों की लिस्ट 31 अगस्त, 2019 को जारी कर दी गई है।
इसी तरह CAA के अधीन आने वाले लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। सरकार इसके तहत नागरिकता जारी कर रही है।
न्यूजबाइट्स बोनस इंफो
भारत में नागरिकता को लेकर क्या है नियम?
भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारत के नागरिकों को दो देशों की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं है।
भारतीय पासपोर्ट धारक यदि दूसरे देश की नागरिकता लेता है तो उसे तत्काल भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करना होगा।
इसी तरह भारत की नागरिकता छोड़ने वाला व्यक्ति यदि दोबारा नागरिकता लेना चाहता है तो उसे पहले दूसरे देश की नागरिकता छोड़नी होगी।
ऐसे में कोई भी व्यक्ति भारत की नागरिकता के साथ दूसरे देश की नागरिकता नहीं ले सकता है।