
सरकारी कर्मचारियों के RSS गतिविधियों में शामिल होने पर कैसे लगा था प्रतिबंध?
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में शामिल होने पर पिछले 58 साल से लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।
ऐसे में अब केंद्रीय कर्मचारी भी बिना किसी रोक-टोक के RSS में शामिल होने के साथ उसकी गतिविधियों में भी हिस्सा ले सकेंगे।
इसे RSS के शताब्दी वर्ष पर सरकार के तोहफे के रूप में देखा जा रहा है।
ऐसे में आइए प्रतिबंध का पूरा इतिहास जानते हैं।
आदेश
सरकार ने क्या जारी किया है आदेश?
भारत सरकार कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की ओर से 9 जुलाई, 2024 की तारीख में जारी आदेश में लिखा है कि अब केंद्रीय सरकारी कर्मचारी RSS की सभी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
इसके लिए सरकार ने विभिन्न संगठनों की गतिविधियों में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में साल 1966, 1970 और 1980 में जारी आदेशों से RSS का उल्लेख हटाने का निर्णय किया है।
संगठन
सबसे पहले जानते हैं कब हुई थी RSS की स्थापना?
RSS संगठन की स्थापना 27 सितंबर, 1925 को विजयदशमी (दशहरा) के दिन भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लक्ष्य के साथ की गई थी।
इस संगठन की स्थापना का श्रेय केशव बलराम हेडगेवार को जाता है। इस संगठन की स्थापना का मूल लक्ष्य हिंदुओं को संगठित करना था।
नागपुर के अखाड़ों से तैयार हुआ यह संगठन वर्तमान में विराट रूप ले चुका है। दुनिया के 40 देशों में संघ सक्रिय है और इसकी 57,000 से अधिक दैनिक शाखाएं चलती हैं।
जानकारी
RSS पर सबसे पहले 1948 में लगा था प्रतिबंध
महात्मा गांधी के हत्या को RSS से जोड़कर देखा गया और इसका विरोध भी हुआ था। इसके बाद 4 फरवरी, 1948 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालांकि, 18 महीने बाद इसे हटा लिया गया था।
प्रतिबंध
केंद्रीय कर्मचारियों पर RSS को लेकर क्यों लगा था प्रतिबंध?
दरअसल, 58 साल पहले 7 नवंबर, 1966 को संसद में गोहत्या के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था।
उस दौरान RSS ने लाखों लोगों का समर्थन जुटाया था। पुलिस की गोलीबारी में कई लोगों की मौत हो गई थी।
RSS के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 30 नवंबर, 1966 को सिविल सेवा (आचरण) नियम 1964 के तहत सरकारी कर्मचारियों के RSS की किसी भी गतिविधियों में में शामिल होने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
प्रावधान
प्रतिबंध में किया था कड़ी सजा का प्रावधान
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा का प्रावधान किया था।
इसमें सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन लाभ रोकने सहित बर्खास्तगी तक का प्रावधान था।
हालांकि, मध्य प्रदेश सहित कई राज्य सरकारों इस आदेश को निरस्त कर दिया था, लेकिन केंद्र स्तर पर यह आदेश बना हुआ था।
ऐसे में अब केंद्र सरकार ने 9 जुलाई को नया आदेश जारी कर इस प्रतिबंध को हटा दिया है।
जानकारी
वाजयेपी सरकार में भी लागू रहा था प्रतिबंध
कांग्रेस सरकार में RSS पर लगाया गया यह प्रतिबंध साल 1999 और 1996 में केंद्र में रही अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी लागू रहा था। हालांकि, अब केंद्र की NDA सरकार ने 58 साल पुराने इस प्रतिबंध को खत्म कर दिया।
स्वागत
RSS ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
सरकार के इस फैसले का RSS ने स्वागत किया है।
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि RSS 99 वर्षों से सतत राष्ट्र के पुनर्निर्माण एवं समाज की सेवा में संलग्न है। राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता-अखंडता एवं प्राकृतिक आपदा के समय में समाज को साथ लेकर संघ के योगदान के चलते समय-समय पर देश के विभिन्न प्रकार के नेतृत्व ने संघ की भूमिका की प्रशंसा भी की है। सरकार का यह निर्णय स्वागत योग्य है।
विरोध
कांग्रेस ने किया फैसले का विरोध
कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले का कड़े शब्दों में विरोध किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा, '4 जून, 2024 के बाद स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री और RSS के बीच संबंधों में कड़वाहट आई है। 9 जुलाई 2024 को 58 साल का प्रतिबंध हटा दिया गया जो अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी लागू था। मेरा मानना है कि नौकरशाही अब निक्कर में भी आ सकती है।'
निशाना
AIMIM प्रमुख ओवैसी ने भी साधा निशाना
इसी मामले में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरू की सरकार ने RSS पर प्रतिबंध लगाया था। उनका प्रतिबंध हटाने की शर्त थी की वो राजनीति में भाग नहीं लेंगे और संविधान का सम्मान करेंगे, लेकिन NDA सरकार अब सरकारी कर्मचारियों को RSS की गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति दे रही है। यह पूरी तरह गलत है।