पश्चिम बंगाल: लैंडिंग के समय तूफान में फंसा स्पाइसजेट का विमान, 17 यात्री घायल
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में काजी नजरूल इस्लाम हवाई अड्डे पर रविवार को उस समय बड़ा हादसा घटित हो गया, जब मुंबई से दुर्गापुर पहुंची स्पाइसजेट की उड़ान लैंडिंग से पहले तूफान (टर्बुलेंस) में फंस गई। इससे विमान के झटके खाने और कैबिन का सामन गिरने से विमान में सवार 17 चालक दल के सदस्य और यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। हालांकि, पायलट की सूझबूझ से विमान रनवे पर सुरक्षित उतर गया। घायलों का उपचार जारी है।
तूफान में फंसने से हवा में डगमगाने लगा था विमान
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया कि रविवार को उड़ान संख्या SG-945 बोइंग B737 विमान मुंबई से दुर्गापुर के लिए रवाना हुआ था। दुर्गापुर हवाई अड्डे पर उतरने से पहले वह काल बैसाखी तूफान में फंस गया। जिसके बाद विमान हवा में डगमगाने लग गया और केबिन में रखा सामान यात्रियों पर गिरना शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि सामान गिरने और फूड ट्रॉली से टकराने के कारण चालक दल के तीन सदस्य और 14 अन्य यात्री घायल हो गए।
पायलट ने सूझबूझ से सुरक्षित उतारा विमान
स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बताया कि तूफान में फंसने के बाद भी पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए विमान को रनवे पर सुरक्षित उतार दिया। उसके बाद घायल यात्रियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कुछ यात्रियों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी, जबकि कुछ की हालत गंभीर है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हादसे में घायल हुए यात्रियों को हर संभव चिकित्सा सहायता प्रदान की जा रही है।
सामने आया विमान के अंदर का वीडियो
हादसे के दौरान विमान के अंदर का वीडियो भी सामने आया है। इसमें यात्रियों के शोर के बीच सामान फर्श पर बिखरा देखा जा सकता है और ऑक्सीजन मास्क लटक रहे हैं। यहां तक कि केबिन बैगेज भी यात्रियों पर गिरते देखा जा सकता है।
यहां देखें वीडियो
DGCA ने दिए हादसे की जांच के आदेश
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के एक अधिकारी ने बताया कि विमान के तूफान में फंसने के कारण हादसे की सूचना है। हालांकि, बाद में विमान को सुरक्षित उतार लिया गया था, लेकिन 17 लोग घायल हो गए। उनका उपचार कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ घायलों के सिर में चोट के कारण टांके लगाने पड़े हैं, जबकि एक यात्री ने रीढ़ की हड्डी में चोट की शिकायत की है। हादसे की जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
सीट बेल्ट का संकेत देने पर बंद की जानी चाहिए थी फूड सर्विस
दुर्गापुर हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने बताया कि विमान के तूफान में फंसने के बाद पायलट ने सीट बेल्ट बांधने का संकेत चालू कर दिया था, लेकिन उसके बाद भी फूड सर्विस चालू थी। इसके कारण तीन यात्री फूड ट्रॉली से टकराकर घायल हो गए। उन्होंने कहा कि सीट बेल्ट का संकेट देने के बाद फूड सर्विस बंद की जानी चाहिए थी, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह जांच का विषय है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि अप्रैल और मई के महीनों में पूर्वी भारत में बादलों की गर्जना के साथ, बिजली गिरना और तेज हवा चलने जैसी सामान्य मौसमी घटनाएं होती हैं। इन घटनाओं को काल बैसाखी या नार्वेस्टर कहा जाता है। काल बैसाखी का सबसे ज्यादा असर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में दिखाई देता है। ये घटनाएं ज्यादाताद हिंदी के महीने वैशाख में होती है। इसी के चलते इसे काल बैसाखी कहा जाता है।