कोरोना वायरस: भारत की मृत्यु दर को ऊपर खींच रहे दो राज्य, जानें सभी की स्थिति
क्या है खबर?
देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच एक आंकड़ा ऐसा है जिसे देखकर सरकार और लोग खुद को दिलासा देते रहे हैं। ये आंकड़ा है संक्रमण के प्रति 100 मामलों पर मृत्यु दर का।
कभी तीन प्रतिशत से ऊपर रहा ये आंकड़ा अब घटकर 2.05 प्रतिशत पर आ गया है और भारत सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों में शामिल हैं। आइए जानते हैं कि अलग-अलग राज्यों की मृत्यु दर के मामले में क्या स्थिति है।
अधिक मृत्यु दर
केवल दो राज्यों में मृत्यु दर तीन प्रतिशत से अधिक
देश के अभी मात्र दो राज्य- गुजरात और महाराष्ट्र- ऐसे हैं जहां कोरोना वायरस की मृत्यु दर तीन प्रतिशत से अधिक है और ये राष्ट्रीय मृत्यु दर को बढ़ा रहा है।
महाराष्ट्र में 4,79,779 मामलों पर 16,791 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 3.49 प्रतिशत है। वहीं गुजरात में 67,699 मामलों पर 2,583 मौतें हुई है और उसकी मृत्यु दर 3.81 प्रतिशत है।
इन दोनों राज्यों के बिना देश की मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत रह जाती है।
राष्ट्रीय औसत से अधिक
इन चार राज्यों में भी मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक
दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब और पश्चिम बंगाल अन्य तीन ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना वायरस की मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
दिल्ली में 1,41,531 संक्रमितों में से 4,059 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 2.86 प्रतिशत है।
मध्य प्रदेश में 36,564 संक्रमितों में से 946 मरीजों (2.58 प्रतिशत मृत्यु दर) और पश्चिम बंगाल में 86,754 संक्रमितों में से 1,902 मरीजों (मृत्यु दर 2.19 प्रतिशत) की मौत हुई है। पंजाब की मृत्यु दर 2.47 प्रतिशत है।
राष्ट्रीय औसत से कम
कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम
देश के चौथे सबसे अधिक प्रभावित राज्य कर्नाटक में कोरोना वायरस की मृत्यु दर 1.83 प्रतिशत है। राज्य में 1,58,254 मरीजों में से 2,897 को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।
वहीं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 23,454 संक्रमितों पर 436 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 1.85 प्रतिशत है।
सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 1,08,974 मरीजों में से 1,918 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत है।
एक प्रतिशत से अधिक
इन चार राज्यों में भी मृत्यु दर एक प्रतिशत से अधिक
तमिलनाडु, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड चार अन्य ऐसे राज्य हैं जहां कोरोना वायरस की मृत्यु दर एक प्रतिशत से अधिक है।
देश के दूसरे सबसे अधिक प्रभावित राज्य तमिलनाडु में 2,79,144 संक्रमितों में से 4,571 मरीजों की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 1.63 प्रतिशत है। राजस्थान में 48,996 मरीजों में से 757 की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 1.54 प्रतिशत है।
वहीं हरियाणा की मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत और उत्तराखंड की मृत्यु दर 1.14 प्रतिशत है।
आंध्र प्रदेश
राष्ट्रीय मृत्यु दर को नीचे लाने में आंध्र प्रदेश का अहम योगदान
जिन राज्यों की वजह से राष्ट्रीय मृत्यु दर में कमी आ रही है, उनमें आंध्र प्रदेश सबसे अहम है। राज्य में अब तक 1,96,789 लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है जिनमें से 1,753 की मौत हुई है और उसकी मृत्यु दर 0.89 प्रतिशत है।
देश के कुल मामलों में राज्य की हिस्सेदारी कुल मौतों में उसकी हिस्सेदारी के मुकाबले काफी अधिक है और इसी कारण वह राष्ट्रीय मृत्यु दर पर सकारात्मक असर डाल रहा है।
एक प्रतिशत से कम
इन पांच राज्यों में भी मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम
बिहार, असम, केरल, ओडिशा और तेलंगाना में भी कोरोना वायरस की मृत्यु दर एक प्रतिशत से कम है। तेलंगाना की मृत्यु दर 0.79 प्रतिशत है और यहां 75,257 संक्रमितों में से 601 की मौत हुई है।
वहीं बिहार में 67,788 संक्रमितों में से 363 मरीजों (मृत्यु दर 0.53 प्रतिशत) और असम में 52,817 मरीजों में से 126 मरीजों (मृत्यु दर 0.23 प्रतिशत) की मौत हुई है।
इसके अलावा ओडिशा में 0.57 प्रतिशत और केरल में 0.31 प्रतिशत मृत्यु दर है।