सूरत में प्रवासी मजदूरों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प, छोड़े गए आंसू गैस के गोले

सोमवार को गुजरात के सूरत में सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने उन्हें घर वापस भेजने को लेकर प्रदर्शन किया और इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई। मजदूरों के पत्थरबाजी करने के बाद पुलिस को उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बता दें कि सूरत में हीरे और कपड़ों का बड़ा उद्योग है और इनमें काम करने के लिए बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर आते हैं।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, सोमवार को सूरत के कडोदरा इलाके में सैकड़ों प्रवासी मजदूर इकट्ठा हो गए और घर वापस भेजने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई और उन्होंने कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा उन्होंने पुलिस पर पत्थर भी बरसाए जिसके बाद पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैल के गोले छोड़ने पड़े। NDTV के अनुसार, पालनपुर पाटिया इलाके में भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ।
#WATCH Gujarat: A clash erupts between migrant workers police in Surat. The workers are demanding that they be sent back to their native places. pic.twitter.com/aiMvjHGukY
— ANI (@ANI) May 4, 2020
ये चौथी बार है जब सूरत के प्रवासी मजदूरों ने लॉकडाउन के बीच उन्हें घर वापस भेजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है। पिछले हफ्ते ही सैंकड़ों प्रवासी मजदूर सड़कों पर आ गए थे और एक निर्माणाधीन इमारत के ऑफिस में तोड़फोड़ की थी। इससे पहले 10 अप्रैल को प्रवासी मजदूरों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था। लॉकडाउन बढ़ाए जाने के एक दिन बाद 15 अप्रैल को भी उन्होंने तोड़फोड़ की।
बता दें कि मार्च में सूरत के हीरा और कपड़ा संगठनों ने लॉकडाउन की वजह से कारोबार धीमा पड़ने के बावजूद काम जारी रखने का फैसला लिया था। इस फैसले के लिए उन्होंने फैक्ट्रियों में काम करने वाले 20 लाख मजदूरों का हवाला दिया था।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों को उनके यहां फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य वापस भेजने की मंजूरी दी थी और इसके लिए रेलवे "श्रमिक एक्सप्रेस" नाम से विशेष ट्रेनें चला रहा है। केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद घर वापस भेजने की सूरत के प्रवासी मजदूरों की मांग में तेजी आई है। सभी मजदूरों को धीरे-धीरे करके उनके गृह राज्य भेजा जा रहा है।
गुजरात में कोरोना वायरस की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और इसे रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। राज्य में अब तक संक्रमण के 5,428 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 290 की मौत हुई है, वहीं 1,042 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। राज्य में महाराष्ट्र के बाद कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं, वहीं राज्य में मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है।