पत्नी की याद में पति ने बनवाया मंदिर, रोजाना करते हैं पूजा-अर्चना
क्या है खबर?
यह बात तो लगभग सभी लोग जानते होंगे कि शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज के प्यार में ताजमहल बनवाया हुआ है। हालांकि, ताजमहल की दांस्ता अब ऐतिहासिक बन चुकी है।
मगर, हाल ही में सच्चे प्यार का एक ऐसा मामला सामने आया है जो ऐतिहासिक दांस्ता का एक नया रूप उजागर कर रहा है।
दरअसल, हम बात कर रहे हैं एक ऐसे पति की, जिसने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवाया है।
आइए जानें क्या है मामला।
मामला
पत्नी की याद में मंदिर समेत बनवाया वृद्धाश्रम
यह मामला गुजरात के सुरेंद्रनगर के खोडू गांव का है, जहां एक व्यक्ति ने अपनी दिवंगत पत्नी ललिताबेन की याद में मंदिर बनवाया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मंदिर ज्वेलरी बेचने का काम करने वाले 65 वर्षीय लाला राम भाई ने बनवाया है, जहां वह रोजाना पूजा भी करते हैं।
लाल राम ने पहले दो करोड़ रुपये की लागत से चार एकड़ जमीन पर वृद्धाश्रम बनवाया, फिर वहीं अपनी पत्नी की मूर्ति स्थापित कर मंदिर भी बनवा दिया।
बयान
पत्नी कहती थीं- कुछ ऐसा करना जो सब याद रखें
लाल राम ने बताया कि वह पहले अपने गांव में दातून बेचकर अपने परिवार का गुजारा करते थे, लेकिन कुछ समय बाद वह दिल्ली चले गए, जहां उन्होंने एंटिक चीजों का व्यापार शुरू किया जो खूब चला।
उन्होंने आगे बताया कि उनकी पत्नी अक्सर उनसे यह कहती थीं कि उनके जाने के बाद वो कुछ ऐसा करें, जिससे उन दोनों को लोग बरसों तक याद रखें।
51 साल की उम्र में उनकी पत्नी की मौत हो गई थी।
जानकारी
पत्नी की यादों के साथ इस तरह जीवन व्यतीत कर रहे हैं लाल राम
लाल राम अपनी पत्नी के मंदिर में नियमित रूप से पूजा-आरती करते हैं। 65 वर्षीय होने के बाद भी लाल राम काफी सक्रिय रहते हैं। वह अपने तीन बच्चों पर आश्रित न रहकर अपना सारा काम स्वयं करते हैं।
अन्य मामला
कर्नाटक का व्यक्ति भी बनवा चुका है अपनी पत्नी की याद में मंदिर
यह मामला नया नहीं है जब किसी पति ने अपनी पत्नी की याद में मंदिर बनवाया हो, इससे पहले कर्नाटक के कृष्णापुर गांव में राजू नामक किसान अपनी पत्नी राजम्मा की याद में मंदिर बनवा चुके हैं।
लाल राम की तरह राजू भी अन्य देवी-देवताओं के साथ अपनी पत्नी की पूजा-अर्चना करते हैं।
बता दें कि राजू ने इस मंदिर में अपनी पत्नी की जो मूर्ति स्थापित की है वो उन्होंने खुद ही बनाई है।