कोरोना वायरस: लॉकडाउन हटाने या बढ़ाने पर किस राज्य का क्या रुख है?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारत में लगाया गया 21 दिनों का लॉकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है और इस बीच केंद्र सरकार इसे आगे आगे बढ़ाने या हटाने पर माथापच्ची कर रही है।
कई राज्य केंद्र सरकार से लॉकडाउन बढ़ाने की मांग कर चुके हैं, वहीं ओडिशा तो अपने राज्य में लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ा भी चुका है।
लॉकडाउन बढ़ाने पर अन्य राज्यों का क्या रुख है, आइए आपको बताते हैं।
तेलंगाना
तेलंगाना ने सबसे पहले की थी लॉकडाउन बढ़ाने की अपील
तेलंगाना पहला ऐसा राज्य था जिसने केंद्र सरकार से लॉकडाउन आगे बढ़ाने की अपील की थी। राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये अपील करते हुए कहा था कि इस समय अर्थव्यवस्था से ज्यादा जरूरी लोगों की जान बचाना है।
उन्होंने कहा था, "अगर लोगों की मौत हुई तो हम इस नुकसान की भरपाई नहीं कर पाएंगे। अर्थव्यवस्था को फिर जिंदा किया जा सकता है, इसलिए मुझे लगता है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए।"
छत्तीसगढ़
दो हफ्ते तक लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ भी लॉकडाउन को 14 अप्रैल के बाद आगे बढ़ाने के पक्ष में है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव कह चुके हैं कि 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन को कम से कम दो हफ्ते तक और बढ़ाया जाना चाहिए।
उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ जिन सात राज्यों से घिरा हुआ है, वहां पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा है और ऐसे में राज्य से लॉकडाउन हटाना ठीक नहीं होगा।
जानकारी
उत्तर प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र में लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के एक शीर्ष अधिकारी कह चुके हैं कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 14 अप्रैल के बाद लॉकडाउन हटाना संभव नजर नहीं आता। पंजाब और महाराष्ट्र ने भी लॉकडाउन के समर्थन में होने के संकेत दिए हैं।
राजस्थान
राजस्थान नहीं चाहता एक साथ हटे लॉकडाउन
कई ऐसे राज्य भी हैं जिन्होंने 14 अप्रैल को लॉकडाउन न हटाने और इसे चरणों में ही हटाने की बात कही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अचानक से लॉकडाउन न हटाने और 14 अप्रैल के बाद इसे चरणों में हटाने की बात कह चुके हैं।
एक चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर लॉकडाउन को एक साथ खोला जाता है तो 21 दिन के लॉकडाउन का कोई मतलब नहीं रहेगा।
असम और केरल
असम और केरल सरकार चाहते हैं चरणों में हटे लॉकडाउन
असर सरकार भी चरणों में लॉकडाउन हटाने की पक्षधर है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा कह चुके हैं कि 14 अप्रैल के बाद पूर्ण लॉकडाउन की स्थिति को बरकरार रखना संभव नहीं है और राज्य की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) पूर्ण लॉकडाउन का समर्थन नहीं करती।
केरल सरकार भी चरणों में लॉकडाउन हटाने के पक्ष में है और केंद्र सरकार को 30 जून तक तीन चरणों में लॉकडाउन हटाने का सुझाव दे चुकी है।
अन्य राज्य
इन राज्यों में अधिक मामले होने के कारण लॉकडाउन हटना मुश्किल
अन्य कई राज्यों ने अभी तक लॉकडाउन पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है लेकिन कई राज्य लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं।
मध्य प्रदेश और दिल्ली में बड़ी संख्या में नए मामले सामने आए हैं और यहां की सरकारें लॉकडाउन हटान के पक्ष में होंगी इसकी संभावना बेहद कम है। तमिलनाडु की भी यही स्थिति है।
वहीं आंध्र प्रदेश सरकार ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है और सही वक्त पर फैसला लेने की बात कही है।
जानकारी
12 जिलों से लॉकडाउन हटाने पर विचार कर रहा कर्नाटक
कर्नाटक की भाजपा सरकार उन 12 जिलों से लॉकडाउन हटाने पर विचार कर रही है जहां अभी तक कोरोना वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने संकेत दिए हैं कि अन्य जिलों में चरणों में लॉकडाउन हटाया जाएगा।
केंद्र सरकार का रुख
प्रधानमंत्री मोदी दे चुके हैं लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत
अगर केंद्र की बात करें तो प्रधानमंत्री मोदी लॉकडाउन को बढ़ाने का संकेत दे चुके हैं।
बुधवार को एक सर्वदलीय बैठक में सांसदों से उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच किसी भी नजरिए से 14 अप्रैल को लॉकडाउन हटाना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा था कि इसे लेकर सभी मुख्यमंत्रियों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं लगता कि लॉकडाउन को जल्द खत्म कर दिया जाएगा।
कोरोना वायरस प्रभाव
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
गौरतलब है कि भारत में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल आया है और अब तक 5,865 लोगों को इससे संक्रमित पाया जा चुका है। इनमें से 169 की मौत हुई है, वहीं 478 को इलाज के बाद घर भेजा चुका है।
महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है और यहां अब तक 1,135 मामले सामने आ चुके हैं और 72 लोगों को इसके कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।