उत्तरकाशी सुरंग हादसा: ड्रिलिंग में लग सकता है 4-5 दिन का समय, भारतीय सेना तैयार
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। सुरंग के ऊपर पहाड़ी में वर्टिकल ड्रिलिंग करने में अब तक कोई बाधा नहीं आई है। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि रविवार को बचाव टीम ने लगभग 20 मीटर ड्रिलिंग की है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के जवान जल्द सुरंग में मैनुअल ड्रिलिंग भी शुरू कर सकते हैं।
पाइप में फंसे मशीन के ब्लेड का काटने का काम जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग में 800 मिमी के पाइप में फंसे ऑगर मशीन के ब्लेड को हैदराबाद से मंगाए प्लाज्मा कटर से काटा जा रहा है। पाइप से मशीन के मलबे को निकालने के बाद जल्द भारतीय सेना द्वारा मैनुअल ड्रिलिंग भी शुरू की जाएगी। पाइप के जरिए बनाए जा रहे रास्ते में लगभग 10-12 मीटर तक ही ड्रिलिंग बाकी है, जिसके बाद सुरंग में फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सकता है।
20 मीटर तक हो चुकी है वर्टिकल ड्रिलिंग- NHIDCL
NHIDCL के प्रबंध निदेशक अहमद ने बताया कि अब तक 20 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग हो चुकी है और कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग की जानी है। उन्होंने कहा, "सुरंग के ऊपर व दूसरे छोर से ड्रिलिंग के काम में तेजी लाने के लिए और टीमें बुलाई गई हैं। तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) की एक टीम आंध्र प्रदेश के राजामुंदरी से यहां पहुंची है। कोई बाधा नहीं आती है, तो गुरुवार तक काम पूरा होने की उम्मीद है।"
बचाव टीम सभी योजनाओं पर कर रही है काम- NDMA
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के सभी प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा, "बचाव टीमों द्वारा 6 योजनाओं पर एक साथ काम किया जा रहा है। सुरंग के सिल्क्यारा छोर से ऑगर मशीन में खराबी आने के बाद वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया है और पाइप में फंसे मशीन के मलबे को बाहर निकालने का काम भी जारी है।"
NDMA सदस्य ने कहा- बचाव अभियान में लग सकता है समय
NDMA सदस्य हसनैन ने बताया कि बड़कोट छोर से ब्लास्टिंग तकनीक का उपयोग करके करीब 500 लंबी बचाव सुरंग बनाने की योजना है और इसके लिए संभावित क्षेत्र में प्रतिदिन 3 विस्फोट किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "बड़कोट छोर से मजदूरों तक पहुंचने के लिए पहाड़ काटने का कार्य जारी है, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद सिल्क्यारा छोर से हो रही कोशिश और फिर वर्टिकल ड्रिलिंग से ही है। इसमें अभी 4-5 दिन का समय और लग सकता है।"
भारतीय सेना के जवान सुरंग में करेंगे मैनुअल ड्रिलिंग
अमर उजाला के अनुसार, रविवार को बचाव अभियान में मदद के लिए मद्रास से भारतीय सेना की इंजीनियरिंग कोर के 30 जवानों का समूह सिलक्यारा पहुंचा गया है। ये जवान बचावकर्मियों के साथ हथौड़े और छेनी की मदद से सुरंग के अंदर के मैनुअल ड्रिलिंग करेंगे। इस अभियान के लिए भारतीय वायुसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) की ओर से कई महत्वपूर्ण उपकरण भेजे हैं। सोमवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला भी सिलक्यारा पहुंचेंगे।
पिछले 16 दिनों से सुरंग में फंसे हैं मजदूर
12 नवंबर की सुबह लगभग 5:00 बजे भूस्खलन के चलते यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निर्माणाधीन सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके कारण 8 राज्यों के 41 मजदूर सुरंग में अंदर फंस गए। इन सभी मजदूरों को बचाने के लिए के लिए अलग-अलग राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं और सुरंग में सभी सुरक्षित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लगातार बचाव अभियान की जानकारी ले रहे हैं।