मेघालयः खदान में फंसे मजदूरों में से एक का शव निकाला गया, बाकियों की तलाश जारी
मेघालय में 13 दिसंबर से कोयला खदान में फंसे मजदूरों में से एक का शव निकाला गया है। इससे पहले मंगलवार को इस शव को निकालने की कोशिश की गई थी, लेकिन राहत दलों को कामयाबी नहीं मिल पाई। NDRF और भारतीय नौसेना की टीम ने मिलकर इस शव को बाहर निकाला है। पिछले हफ्ते बचाव दलों को इस शव की स्थिति का पता चला था, जिसके बाद से लगातार इसे बाहर निकालने की कोशिशें की जा रही थीं।
फंसे हुए 14 लोगों को निकालने का अभियान जारी
खदान में 100 फीट की गहराई से यह शव बरामद किया गया है। छह लोगों की टीम खदान में आई बाढ़ से यह शव निकालकर बाहर लाई। शव को जिम्मेदार अधिकारी की उपस्थिति में पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है। खदान में अभी भी 14 लोगों के फंसे होने की संभावना है, जिनकी तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कई एजेंसियां मिलकर इस बचाव अभियान को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में लगी हैं।
खदान में फंसे मजदूरों के परिवार की अपील
पिछले लगभग डेढ़ महीने से खदान में फंसे मजदूरों के परिवार का दर्द अधिकारियों के सामने छलक आया। खदान में फंसे 4 मजदूरों के परिवार ने बचाव अभियान चला रहे अधिकारियों से क्षत-विक्षत शवों को बाहर निकालने की अपील की थी ताकि उनका अंतिम संस्कार किया जा सके। हालांकि, पहले खबरें आई थीं कि शव को निकालने का काम रोक दिया गया है क्योंकि हर कोशिश में शव पहले से ज्यादा क्षत-विक्षत होता जा रहा था।
ROV से लगा था शव का पता
गोताखार तमाम कोशिशों के बाद भी खदान में फंसे मजदूरों का पता नहीं लगा पा रहे थे। इसके बाद बचाव दल ने ROV (रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल) की मदद ली । इसकी मदद से ही नेवी के गोताखोरों ने खदान के 210 फीट अंदर से एक शव को खोज निकालने में कामयाबी हासिल की थी। ROV रिमोट से चलने वाली एक मशीन होती है, जिसमें इसमें कैमरे, माइक और दूसरे उपकरण लगे होते हैं। यह पानी में उतरकर जानकारी जुटाती है।
13 दिसंबर से खदान में फंसे हैं मजदूर
मेघालय के जयंतिया हिल्स इलाके में 13 दिंसबर से 15 मजदूर कोयले की 370 फीट गहरी खदान में फंसे हैं, जिनमें से एक का शव बाहर निकाला गया है। पास बह रही नदी का पानी घुसने से इस खदान में बाढ़ आ गई थी, जिसके बाद इसमें काम कर रहे मजदूर फंस गए थे। पिछले लगभग डेढ़ महीने से इन्हें निकालने का अभियान जारी है। NDRF और भारतीय नेवी समेत कई एजेंसियां बचाव अभियान चला रही है।