उत्तराखंड: आवाज की क्लोनिंग के जरिए ठगे जा रहे लोग, DGP ने बताया कैसे बचें
साइबर अपराध की सूची में एक नया अपराध शामिल हुआ है, जिसमें वॉयस क्लोनिंग यानी आवाज की नकल से लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इसमें अपराधी किसी की भी आवाज की क्लोनिंग करके उनके परिजनों से पैसे ठगते हैं। इसके बारे में उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक कुमार ने जानकारी देकर सावधान किया है। उन्होंने बताया कि यह ठगी का नया तरीका है, जिसमें वॉयस क्लोनिंग और फर्जी कॉल से लोगों को लूटा जा रहा है।
ठगी से कैसे बचें?
DGP अशोक कुमार ने बताया, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से लोग आपकी आवाज की क्लोनिंग कर सकते हैं। इस आवाज की मदद से रिश्तेदार और परिजन बनकर पैसे मांगते हैं।" उन्होंने बताया, "यह नकल इतनी बारीक होती है कि 85 प्रतिशत लोग इसके जाल में फंस जाते हैं। इससे बचने के लिए 3 काम करने हैं। पहला, व्यक्ति पर शक करना है, दूसरा तुरंत पैसे नहीं भेजने और तीसरा अपने परिवार के किसी पुराने शख्स का नाम पूछना है।"