राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को दी गई, तैयार की मजबूत सुरक्षा योजना
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य राम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को दी गई है। आजतक के मुताबिक, CISF ने उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी टॉकविंग की कंसल्टेंसी के जरिए सुझाव दिए हैं। इसके बाद मंदिर की सुरक्षा योजना बनाई गई। CISF ने योजना को लेकर स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियों की मदद ली है। उसने सरकार को खास सुरक्षा ग्रिल लगाने का सुझाव दिया है।
सुरक्षा योजना में इन 8 बिंदुओं पर जोर
रिपोर्ट के मुताबिक, CISF ने राम मंदिर की सुरक्षा योजना में 8 बातों का ध्यान रखा है, जिनमें धमकी और जोखिम विश्लेषण, एक्सेस कंट्रोल, सुरक्षा में लोगों की आवश्यकता, आग और दस्तावेजों का बचाव, आतंरिक खुफिया जानकारी, आपातकालीन सुरक्षा उपाय, भीड़ को नियंत्रित करने की प्रबंधन प्रक्रिया और कर्मचारियों को आग से बचाव की जानकारी देना शामिल हैं। मंदिर के नक्शे के मुताबिक सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और निगरानी के लिए खास टीम का सुझाव है।
CISF को क्यों दी गई सुरक्षा की जिम्मेदारी?
CISF 2019 से 2023 तक पिछले 4 साल में देशभर की 336 संस्थाओं को सुरक्षा योजना से संबंधित सुझाव दे चुका है। इसके अलावा 23 साल में 226 संस्थाओं को सुझाव दिए हैं। इस बल के पास तिरुपति बालाजी मंदिर, शिरडी साईं मंदिर, गोरखनाथ मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर और महाबोधि की सुरक्षा का अनुभव है। बता दें कि CISF की स्थापना मार्च, 1969 में देश के बुनियादी ढांचों, स्मारकों और संस्थानों की सुरक्षा के लिए हुई है।