उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पर्यटकों की बढ़ती भीड़ पर जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब
कोरोना महामारी की दूसरी लहर की रफ्तार कम होने के साथ अब लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है। इसी बीच उत्तराखंड सरकार ने भी कोरोना कर्फ्यू को तो 13 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया, लेकिन पाबंदियों में कई तरह की ढील दी है। इसके कारण राज्य के नैनीताल सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर लोगों की भीड़ जुटने लगी है। इस पर नैनीताल हाई कोर्ट ने चिंता जताई है और सरकार से इस पर जवाब मांगा है।
नैनीताल में पर्यटकों की बढ़ती भीड़ को लेकर दायर की गई थी याचिका
बता दें उत्तराखंड सरकार की ओर से लॉकडाउन में ढील देने के बाद नैनीताल सहित राज्य के अन्य पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। इस दौरान लोग खुलेआम कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते देखे गए हैं। इसको लेकर राज्य के कई लोगों ने महामारी के फिर से फैलने के खतरे को देखते हुए हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन में सख्ती की मांग की गई थी।
हाई कोर्ट ने सरकार को दिए लॉकडाउन में ढील के निर्णय की समीक्षा के आदेश
मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करते हुए कहा कि लॉकडाउन में ढील के बाद राज्य में आने वाले पर्यटक कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा वह अपने साथ कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट भी ला सकते हैं। यह राज्य के लिए बड़ी चिंता का विषय है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को लॉकडाउन में ढील देने के अपने निर्णय की फिर से समीक्षा करनी चाहिए।
हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव एसएस संधू से जवाब मांगा है कि सरकार ने सप्ताहांत में लॉकडाउन को और सख्त करने पर क्या निर्णय किया है। इसी तरह यह भी बताया जाए कि सरकार ने पर्यटकों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने के लिए क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य में तेजी से बढ़ती पर्यटकों की संख्या फिर महामारी के तेजी से प्रसार का कारण बन सकती है।
हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से भी मांगी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) को भेजे गए कोरोना सैंपल, प्राप्त रिपोर्ट और संक्रमित मिले लोगों के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी। इस पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा NCDC को 521 सैंपल भेजे गए हैं। उनमें से 144 डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित मिले हैं। इसी तरह उधम सिंह नगर जिले से एक व्यक्ति के डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
हाई कोर्ट ने मांगी चिकित्सा उपकरणों से संबंधित जानकारी
हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव नेगी से राज्य के सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध MRI मशीनों की संख्या, बिना डॉक्टर के संचालित अस्पतालों की संख्या, अस्पतालों में बच्चों के लिए बेड, वेंटीलेटर आदि की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। इसी तरह कोर्ट ने राज्य में वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति, वैक्सीनेशन की प्रतिदिन की दर, पहली और दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या उपलब्ध कराने तथा बुजुर्गों को जल्द वैक्सीन लगाने के निर्देश दिए।
हाई कोर्ट ने डॉक्टरों का वेतन बढ़ाने के दिए निर्देश
हाई कोर्ट ने इंटर्न डॉक्टरों का बढ़ाने पर विचार करने के लिए भी कहा। इस पर नेगी ने कहा कि डॉक्टरों को राज्य की ओर आकर्षित करना मुश्किल है और इंटर्न डॉक्टरों को मिलने वाला वेतन अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है।
पर्यटकों की बढ़ती संख्या पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी जताई थी चिंता
बता दें कि पर्यटन स्थलों पर बढ़ती पर्यटकों की संख्या और उनके द्वारा किए जा रहे कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी चिंता जताई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा था कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। यदि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो पाबंदियों को फिर से लागू किया जाएगा।