उत्तराखंड बाढ़: जलस्तर बढ़ने के कारण तपोवन सुरंग के पास बचाव कार्य रोका गया
उत्तराखंड के चमोली जिले में धौली गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण तपोवन सुरंग में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम फिलहाल अस्थायी तौर पर रोक दिया गया है। पानी सुरंग के पास पहुंच गया है। अधिकारियों ने बताया कि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचने के लिए बचाव और राहत दलों को दूर हटा लिया गया है। साथ ही आसपास के गांवों के लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह दिया गया है।
सुरंग में फंसे हैं 30 से अधिक लोग
बीते रविवार को चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में नंदा देवी ग्लेशियर का एक टुकड़ा टूट गया जिससे अलकनंदा और धौली गंगा नदियों में बाढ़ आ गई। समस्या तब और बढ़ गई जब बाढ़ के कारण तपोवन में अलकनंदा नदी पर बना ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का एक बांध टूट गया। बाढ़ से तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचा और इससे संबंधित एक निर्माणाधीन सुरंग में लगभग 30 से अधिक मजदूर फंस गए।
लोगों को निकालने के लिए शुरू हुई ड्रिलिंग
पिछले कुछ दिनों से इस सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मलबा हटाने के साथ बचाव दलों ने सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग करना शुरू किया है, लेकिन अभी तक अंदर फंसे लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। अधिकारियों ने बताया कि 6 मीटर की ड्रिलिंग के बाद पानी आना शुरू हो गया था। अगर ड्रिलिंग आगे भी जारी रहती तो परेशानी हो सकती थी। इसलिए ड्रिलिंग भी रोक दी गई है।
सुरंग तक पहुंचने के लिए 12 मीटर ड्रिलिंग की जरूरत
अधिकारियों ने बताया कि सुरंग तक पहुंचने के लिए 12 मीटर तक ड्रिलिंग की जरूरत है। इसी बीच धौली गंगा में जलस्तर बढ़ने लगा, जिसके बाद सुरंग से मलबा हटाने में लगी मशीनों और बचाव दलों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। साथ ही प्रशासन ने रैणी गांव के आसपास अलर्ट जारी कर दिया है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है।
बचाव कार्य रुकने के बाद सुरंग से निकलते वाहन
उत्तराखंड की राज्यपाल ने लिया बचाव अभियान का जायजा
गुरुवार सुबह उत्तराखण्ड की गवर्नर बेबी रानी मौर्य ने चमोली तपोवन सुरंग का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने वहां राहत और बचाव अभियान चला रहे दलों और अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया।
अब तक 36 शव मिले
अब तक 36 शव बरामद हुए हैं, जिनमें से 10 की पहचान हो चुकी है और बाकियों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस ने प्रभावित परिवारों को नजदीकी पुलिस थानों में अपने लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाने को कहा है। अभी तक 170 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें से 70 उत्तराखंड, 66 उत्तर प्रदेश, 13 झारखंड, 11 नेपाल, नौ-नौ हिमाचल प्रदेश और बिहार, छह-छह पंजाब और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं।