उत्तराखंड बाढ़: सुरंग में फंसे 35 मजदूरों को बचाने के लिए दो दिन से अभियान जारी
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चमोली जिले में आई बाढ़ के कारण एक सुरंग में फंसे लगभग 35 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान लगातार दो दिन से जारी है, हालांकि अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिली है।
गुजरते वक्त के साथ आशा की किरण धुंधली होती जा रही है, हालांकि प्रशासन, बचावकर्मियों और फंसे मजदूरों के परिजनों ने अभी तक उम्मीद नहीं छोड़ी है।
इस बीच मंगलवार को पांच और शव मिलने से मौत का आंकड़ा 31 हो गया है।
पृष्ठभूमि
रविवार को आई थी बाढ़
चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में रविवार सुबह नंदा देवी ग्लेशियर का एक टुकड़ा टूट गया जिससे अलकनंदा और धौली नदियों में बाढ़ आ गई।
समस्या तब और बढ़ गई जब बाढ़ के कारण तपोवन में अलकनंदा नदी पर बना ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट का एक बांध टूट गया। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बांध का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया है।
बाढ़ में पांच पुलों और कई घरों भी बह गए।
मजदूर फंसे
निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हैं 35 मजदूर
इस बाढ़ से तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचा और इससे संबंधित एक निर्माणाधीन सुरंग में लगभग 35 मजदूर फंस गए।
ये सुरंग लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी बताई जा रही है और इसमें सैकड़ों टन मलबा फंसा हुआ है जिससे सुरंग बंद हो गई है।
मजदूरों को बचाने के लिए पिछले दो दिन से अभियान चलाया जा रहा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस बल (ITBP) के जवान ये बचाव अभियान चला रहे हैं।
दौरा
मुख्यमंत्री ने किया घटनास्थल का दौरा
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सोमवार शाम तपोवन पहुंचे और घटनास्थल पर जाकर बचाव अभियान का जायजा लिया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालना प्राथमिकता है और मलबे को हटाने के कार्य में तेजी लाने के लिए बड़ी मशीनों का उपयोग किया जा सकता है।
अभी JCB और पोकलैंड मशीनों से सुरंग में जमा मलबे को हटाने का प्रयास किया जा रहा है।
बयान
पुलिस प्रमुख बोले- पता नहीं मलबा हटाने में कितना समय लगेगा
उत्तराखंड के पुलिस प्रमुख अशोक कुमार ने मामले पर कहा, "मलबे को हटाने में कितना समय लगेगा, हम इसका सटीक अनुमान नहीं लगा सकते क्योंकि सुरंग में 90 डिग्री के मोड़ हैं। हमने प्रोजेक्ट इंजीनियर्स से अंदर पहुंचने के लिए कई रास्ते बनाने को कहा है। हम आज इसका प्रयास करेंगे। मुझे नहीं लगता कि (सुरंग के अंदर) ऑक्सीजन और पानी की कमी पड़ेगी क्योंकि सुरंग 2.5 किलोमीटर लंबी है।"
जनहानि
170 से अधिक लोग अभी भी लापता
प्रशासन के अनुसार, बचाव अभियान में अब तक 31 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, वहीं 170 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं जिनमें अधिकांश पॉवर प्रोजेक्ट में काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी हैं। लापता मजदूरों में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के 30 से अधिक लोग भी शामिल हैं।
इससे पहले एक सुरंग के अंदर फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं।
केंद्र सरकार
अमित शाह ने राज्यसभा में दिया घटना पर बयान, सदस्यों ने दी श्रद्धांजलि
केंद्र सरकार भी पूरे मामले पर नजर रखे हुए है और बचाव अभियान में भी मदद कर रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में बयान जारी करते हुए बताया, "ITBP के 450 जवान, NDRF की पांच टीमें, भारतीय सेना की आठ टीमें, नौसेना की एक टीम और वायुसेना के पांच हेलीकॉप्टर खोज और बचाव अभियान में लगे हुए हैं।"
राज्यसभा के सभी सदस्यों ने दो मिनट का मौन रख सभी मृतकों को श्रद्धांजलि भी दी।