उत्तराखंड बाढ़: 13 गांवों का दुनिया से जमीनी संपर्क कटा, हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जा रही मदद
क्या है खबर?
उत्तराखंड के चमोली में आई बाढ़ के कारण एकमात्र पुल बह जाने से जिले के 13 गांवों का संपर्क कट गया है।
इन गांवों के पास ऋषि गंगा प्रोजेक्ट चल रहा था। बाढ़ के कारण मची तबाही में इन गांवों को राज्य के बाकी इलाकों से जोड़ने वाला एकमात्र पुल टूट गया।
अब राहत और बचाव अभियान चला रहे जवानों ने यहां पर रस्सियों के सहारे अस्थायी पुल बनाया है, जिससे गांवों तक मदद पहुंचाई जा रही है।
पृष्ठभूमि
रविवार को आई बाढ़ से मची तबाही
चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में रविवार सुबह नंदा देवी ग्लेशियर का एक टुकड़ा टूट गया जिससे अलकनंदा और धौली नदियों में बाढ़ आ गई।
समस्या तब और बढ़ गई जब बाढ़ के कारण तपोवन में अलकनंदा नदी पर बना ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट का एक बांध टूट गया। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बांध का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह तबाह हो गया है।
बाढ़ में पांच पुल और कई घर भी बह गए।
जानकारी
इन गांवों का कटा संपर्क
पुल बह जाने के कारण जिन गांवों का संपर्क टूटा है, उनके नाम पाल्ली, पांग, लाता, सुराईथोटा, सकी, भालागांव, तोलमा, फगरासु, लॉन्ग सेगडी, गहर, भंगुअल, जुवागवाद और जुगजु हैं। यहां पैदल जाकर या हेलिकॉप्टर की मदद से राशन और दूसरी सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।
दौरा
मुख्यमंत्री ने किया इन गांवों का दौरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को इन गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से मुलाकात की थी।
इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि जिला प्रशासन और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवानों की मदद से मुख्यधारा से कट चुके गांवों में राशन पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। लापता लोगों को खोजने का अभियान जारी है और पूरी कोशिश है कि जीवित बचे लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाए।
अपील
मुख्यमंत्री ने की शांति बनाए रखने की अपील
रावत ने यह भी कहा कि प्रशासन के लोग पैदल जाकर या हेलिकॉप्टरों के जरिये ग्रामीणों को राशन पहुंचा रहे हैं। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकार ने सभी जरूरी संसाधनों का इंतजाम कर लिया है।
दूसरी तरफ आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अभी तक राहत और बचाव बलों को 30 से अधिक शव मिल चुके हैं। अभी भी लगभग 190 लोग लापता बताए जा रहे हैं।
राहत कार्य
सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास जारी
बाढ़ से तपोवन-विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना को भी नुकसान पहुंचा और इससे संबंधित एक निर्माणाधीन सुरंग में लगभग 30 मजदूर फंस गए।
ये सुरंग लगभग 2.5 किलोमीटर लंबी बताई जा रही है। इसमें सैकड़ों टन मलबा फंसा हुआ है जिससे सुरंग बंद हो गई है।
लोगों को निकालने के लिए नौसेना की भी मदद ली जा रही है। हालांकि, अभी तक सुरंग में फंसे किसी भी व्यक्ति से राहत और बचाव दल का संपर्क नहीं हो पाया है।