व्हॉट्सऐप और ट्रूकॉलर ने मिलाया हाथ, स्पैम कॉल्स से यूजर्स को मिलेगा छुटकारा
ट्रूकॉलर और व्हाट्सऐप ने वैश्विक साझेदारी की घोषणा की है। इसके तहत अब ट्रूकॉलर की कॉलर आइडेंटिफिकेशन सर्विस व्हाट्सऐप और अन्य मैसेजिंग ऐप पर भी मिलेगी। स्वीडन की कंपनी ट्रूकॉलर का व्हाट्सऐप पर आना यूजर्स के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। इस फीचर जरिए अब व्हाट्सऐप यूजर्स इंटरनेट पर संभावित स्पैम कॉल्स को स्पॉट कर सकेंगे। ट्रूकॉलर का यह नया फीचर व्हाट्सऐप पर वीडियो और ऑडियो कॉल दोनों के लिए उपलब्ध होगा।
अभी तक ट्रूकॉलर इंटरनेट कॉल की नहीं कर पाता था पहचान
अभी तक ट्रूकॉलर केवल उन कॉल्स की पहचान करता है, जो यूजर्स को उनके टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर के जरिए मिलती हैं। अब यह इंटरनेट के जरिए व्हाट्सऐप और सिग्नल जैसी थर्ड पार्टी ऐप्स पर आने वाली कॉल्स की भी पहचान कर यूजर्स की मदद करेगा। गौरतलब है कि बीते कुछ महीनों से व्हाट्सऐप यूजर्स के लिए स्पैम वाली वीडियो और ऑडियो कॉल्स एक बड़ी समस्या बन गई है। इसके जरिए लोगों के फ्रॉड के कई मामले सामने आए हैं।
मई के अंत तक शुरू होगी सर्विस
ट्रूकॉलर के CEO एलन ममेदी ने कहा कि यह सुविधा अभी बीटा दौर में है और इसे मई महीने के अंत में वैश्विक स्तर पर यूजर्स के लिए शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस सर्विस के शुरू होने की कोई तारीख नहीं बताई है। इससे पहले इस साल की शुरुआत में दूरसंचार नियामक ने एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए टेलीमार्केटिंग कॉल्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।
लोगों के साथ होती है ठगी
टेलीमार्केटर्स और हैकर्स साधारण फोन कॉल्स, व्हाट्सऐप वीडियो और ऑडियो कॉल्स के जरिए यूजर्स के साथ ठगी करते हैं। भारत सहित दुनियाभर के देशों में इस तरह की कॉल्स की संख्या बढ़ रही है। पिछले एक महीने में अंतरराष्ट्रीय नंबरों के जरिए स्पैम और धोखाधड़ी से जुड़ी कॉल की संख्या बढ़ी है। ट्रूकॉलर की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यूजर्स को प्रति माह औसतन लगभग 17 स्पैम कॉल्स आती हैं।
व्हॉट्सऐप और ट्रूकॉलर के लिए बड़ा बाजार है भारत
व्हाट्सऐप भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है। कंपनी का कहना है कि यह स्पैम डिटेक्शन टेक्नोलॉजी के जरिए ठगी करने वाले अकाउंट्स पर कार्रवाई करती है और इसी टेक्नोलॉजी के जरिए वह यूजर्स को ऐसे फ्रॉड अकाउंट्स को ब्लॉक और रिपोर्ट करने की सुविधा देती है। ट्रूकॉलर के लिए भी भारत उसका सबसे बड़ा बाजार है और उसके आधे से ज्यादा यूजर्स अकेले भारत में है। भारत में 25 करोड़ लोग इसे इस्तेमाल करते हैं।