पोम्पियो ने किया गलवान में झड़प का जिक्र, बोले- भारत के साथ खड़ा है अमेरिका
भारत और अमेरिका के बीच मंगलवार को नई दिल्ली में 2+2 वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में अमेरिका विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने गलवान घाटी के शहीदों का जिक्र करते हुए कहा कि संप्रभुता की रक्षा के प्रयासों में उनका देश भारत के साथ खड़ा है। गौरतलब है कि पोम्पियो अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ सोमवार को भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंचे थे।
BECA समेत पांच समझौतों पर बनी सहमति
मंगलवार को भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच 2+2 वार्ता हुई। इसमें दोनों देशों के बीच BECA समेत पांच समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इस पर लंबे समय से बातचीत चल रही थी। इस समझौते के तहत दोनों देश सैन्य-तकनीक, नक्शों और सैटेलाइट डाटा को एक-दूसरे के साथ साझा कर सकेंगे। इस वार्ता के बाद दोनों देशों की ओर से साझा बयान जारी किया गया है, जिसमें चीन को कड़ा संदेश दिया गया है।
भारत के साथ खड़ा है अमेरिका- पोम्पियो
2+2 बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे पोम्पियो ने मंगलवार को युद्ध स्मारक का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने कहा, "हमने युद्ध स्मारक का दौरा किया और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए शहीद होने वाले वीर और वीरंगनाओं को श्रद्धांजलि दी। इनमें गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद हुए 20 जवान भी शामिल हैं। अमेरिका अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता के प्रति खतरों का सामना कर रहे भारत के साथ खड़ा है।"
कई क्षेत्रों में मिलकर आगे बढ़ने को तैयार दोनों देश- पोम्पियो
पोम्पिया का यह बयान ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बना हुआ है। पोम्पियो ने अपने बयान में अमेरिका के भारत के प्रति समर्थन की भी बात कही। इसके अलावा पोम्पियो ने कहा कि दोनों देश कई क्षेत्रों में रिश्तों को आगे ले जाने के लिए साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच इस बार तीसरी 2+2 बैठक हुई है।
UNSC में भारत की स्थाई सीट का समर्थन करता है अमेरिका- पोम्पियो
पोम्पियो ने कहा कि दोनों देश नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में भारत और अमेरिका की दोस्ती मजबूत हुई है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी हथकंडे अपनाकर दुनिया को डराने की कोशिश कर रही है। भारत और अमेरिका सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि अन्य दूसरी चुनौतियों से भी लड़ने को तैयार है। पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थाई सीट का समर्थन करते हैं।
एस्पर बोले- भारत-अमेरिका की दोस्ती अहम
वहीं एस्पर ने कहा कि मौजूदा समय में भारत और अमेरिका की दोस्ती पूरी दुनिया के लिए अहम है। चीन की तरफ से खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बड़े देशों का साथ आना जरूरी है। दोनों देश साथ कई सैन्य अभियान करेंगे।
2016 में अमेरिकी का प्रमुख रक्षा भागीदार बना था भारत
दोनों देशों ने 2016 में अपने संबंधों का उस समय नई दिशा दी थी जब भारत अमेरिका का प्रमुख रक्षा साझेदार बना था। 2+2 वार्ता की पहली बैठक साल 2018 में हुई थी। इसके बाद 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा और फिर फरवरी 2020 में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत का दौरा किया था। कुछ दिनों पहले पोम्पियो ने टोक्यो में एस जयशंकर से मुलाकात की थी अपने संबंधों को और मजबूत करने की बात कही थी।