चीन ने नेपाल की जमीन पर किया अतिक्रमण, दो किलोमीटर अंदर घुसकर खड़ी की नौ इमारतें
चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। एक तरफ तो उसका लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत से विवाद चल रहा है, वहीं अब उसने नेपाल की जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) नेपाल के कर्णाली प्रदेश के हुमला जिले में दो किलोमीटर अंदर तक घुस आई है। PLA ने इस क्षेत्र में नौ पक्की इमारतों का निर्माण भी कर लिया है। इसने नेपाल की चिंता बढ़ा दी है।
चीन ने नेपाल के लोगों की आवाजाही पर लगाई रोक
TOI के अनुसार चीन हुमला जिले की ग्रामी नगर पालिका नाम्खा गाउपालिका के लाप्चा-लिमी क्षेत्र में सीमा से दो किलोमीटर अंदर तक आ गया है। उसने वहां नौ इमारतें भी बना दी है। इस निर्माण को एक महीने पहले नाम्खा गाउपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा ने देखा था। वह क्षेत्र का दौरा करने गए तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वहां जाने की अनुमति नहीं दी। इसके अलावा वह अन्य लोगों को भी वहां नहीं जाने दे रहे हैं।
नेपाल सरकार ने जांच के लिए गठित की टीम
नाम्खा गाउपालिका के अध्यक्ष विष्णु बहादुर लामा ने बताया कि उन्होंने मामले की सूचना जिला स्तरीय अधिकारियों को दे दी थी। उसके बाद प्रशासन ने क्षेत्र का दौरा करने के लिए टीम का गठन किया था। उस टीम ने 30 अगस्त और 9 सितंबर को क्षेत्र का दौरा कर गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने बताया कि चीनी सेना अब वहां जाने वाले नेपाली लोगों को धमकाकर भगा रही है। सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।
चीन ने धोखा देकर किया इमारतों का निर्माण
सूत्रों के अनुसार कई सालों से लाप्चा-लिमी क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहा है। यह क्षेत्र बहुत ही रणनीतिक स्थान है और यहां से कैलाश-मानसरोवर यात्रा का स्पष्ट नजारा दिखता है। 10 साल पहले जब क्षेत्र में सड़क निर्माण किया गया था तो चीन ने वहां एक इमारत का निर्माण कर दिया था। नेपाल के इस पर आपत्ति जताने पर चीन ने से पशु चिकित्सा केंद्र बताया तथा और कहा था कि वह केंद्र दोनों देशों के लिए उपयोगी होगा।
चीन ने इस तरह से किया इमारतों का निर्माण
नेपाल के अधिकारियों के अनुसार लाप्चा-लिमी क्षेत्र देश का सुदूर इलाका है। यहां नेपाली प्रशासन की प्रभावित उपस्थिति नहीं है। चीन ने इसकी का फायदा उठाते हुए इमारतों का निर्माण कर लिया और अब उस पर अपना हक जता रहा है।
चीन ने तिब्बत में सड़क निर्माण कर बदला नदियों का रास्ता
सूत्रों के अनुसार चीन पिछले कई महीनों से तिब्बत में अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सड़कों का निर्माण कर रहा है। इससे नेपाल में बहने वाली कुछ नदियों का रास्ता बदल गया है। इस स्थिति ने चीन को नेपाल की जमीन पर कब्जा करने का मौका दे दिया है। चीन का कहना है कि नदी उसके क्षेत्र में बह रही तो जमीन भी उसी की है। चीन की इस चालबाजी ने नेपाल सरकार के लिए परेशानियां खड़ी कर दी है।
नेपाल सरकार पर बनाया जाएगा दबाव
नेपाल में नेपाली कांग्रेस के नेता ने TOI को फोन पर बताया कि चीन ने पक्का निर्माण कर अतिक्रमण कर लिया है। ऐसे में अपने क्षेत्र को वापस हासिल करने के लिए देश की ओली सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार से चीन से बातचीत कर अपनी जमीन वापस हासिल करने का प्रयास करने का आग्रह किया गया है। वह इस मामले में लगातार सरकार पर दबाव बनाए रखेंगे और अपनी जमीन वापस लेकर रहेंगे।