तबादले से नाराज़ पुलिसकर्मी 45 किमी दौड़कर थाने पहुँचने की कोशिश में हुआ बेहोश, जानें मामला
भर्ती से लेकर नौकरी तक दौड़ एक पुलिसकर्मी के जीवन का हिस्सा बन जाती है। कभी चोर को पकड़ने के लिए दौड़ना पड़ता है, तो कभी नौकरी बचाने के लिए। हाल ही में एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश में देखा गया है। दरअसल, एक पुलिसकर्मी को जब पता चला कि उसका तबादला हो गया है, तो उसने नाराज़ होकर दौड़ते हुए 45 किमी दूर स्थित थाने पहुँचने की कोशिश की और बेहोश हो गया। आइए जानें।
विजय प्रताप ने दौड़कर की थाने पहुँचने की कोशिश, ले जाना पड़ा अस्पताल
जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के इटावा में पुलिस लाइन थाना से 45 किमी दूर स्थित बिठौली थाना में ट्रांसफ़र किए जाने के बाद पुलिसकर्मी विजय प्रताप ने दौड़कर वहाँ पहुँचने की कोशिश की। इस दौरान वह बेहोश होकर गिर पड़े और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पुलिसकर्मी ने बताया, "रिज़र्व इंस्पेक्टर ऑफ पुलिस (RI) ने ज़बरन मेरा तबादला किया। आप इसे मेरा ग़ुस्सा कहें या नाखुशी, लेकिन मैं दौड़कर बिठौली जाऊँगा।"
अनुशासनहीनता के लिए किया गया था निलंबित
ख़बरों के अनुसार, पुलिसकर्मी विजय को अनुशासनहीनता के आरोप में निलंबित किया गया था। इसके साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आदेश पर उन्हें इटावा से 70 किमी दूर बिठौली थाने में तैनाती दी गई थी, लेकिन यहाँ विजय गैरहाजिर रहने लगे। इसके बाद नए सिरे से विजय का ट्रांसफ़र दोबारा बिठौली किया गया। इससे वे नाराज़ हो गए और इटावा मुख्यालय से दौड़कर जाने का फैसला किया और बीच में ही बेहोश हो गए।
पूरे प्रदेश में हो रही है चर्चा
दरअसल, इटावा मुख्यालय से विजय दौड़ते हए 45 किमी दूर स्थित हनुमंतपुरा पहुँच चुके थे और वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। इस समय उनके कारनामे की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है।
प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ किया था अभद्र भाषा का इस्तेमाल
इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने शनिवार को बताया, "विजय के ख़िलाफ़ निलंबन की कार्यवाई प्रारंभिक जाँच के बाद अमल में लाई गई है। उन्हें अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया है।" उन्होंने आगे बताया, "सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने पर के ख़िलाफ़ पहले से ही जाँच चल रही है। इस पर उन्होंने एक बार माफ़ी भी माँगी थी।"
उत्तर प्रदेश पुलिस के नई नहीं है अनुशासनहीनता की बात
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए यह कोईं नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई पुलिस वालों को अनुशासनहीनता का दोषी पाया गया है। कानून के ये रक्षक अक्सर ख़ुद ही कानून का पालन करना भूलकर उसकी धज्जियाँ उड़ाते हुए देखे जाते हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस के कई सिपाही पहले ही शराब के नशे में ड्यूटी करते हुए पकड़े जा चुके हैं। ऐसे में अनुशासनहीनता उनके लिए कोई नई बात नहीं है।