भारत में तेजी से फैल रहा है कैंसर, एक साल में हुई 300% की वृद्धि
यह किसी को बताने की ज़रूरत नहीं है कि कैंसर कितना घातक रोग है। हर साल इसकी चपेट में आकर दुनियाभर के लाखों लोग अपनी जान गँवा देते हैं। अगर अकेले भारत की बात करें, तो आपको जानकर काफ़ी हैरानी होगी कि यहाँ कैंसर के केस में एक साल में 300% की वृद्धि हुई है। ऐसे में यह स्वास्थ्य जगत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
एक साल में बढ़े कैंसर के 324% मामले
देशभर में सामान्य कैंसर (ओरल कैंसर, सर्वाइकल और ब्रेस्ट कैंसर समेत) के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई है। नेशनल हेल्थ प्रोफ़ाइल 2019 द्वारा जारी किए गए आँकड़ों के अनुसार, NCD के क्लिनिक्स ने 2017 से लेकर 2018 के बीच कैंसर के मामलों की पहचान गई। ये रिपोर्ट बताती है कि इस एक साल के अंतराल में कैंसर के मामले 324% यानी तीन गुना से भी ज़्यादा बढ़ गए हैं, जो सच में एक गंभीर स्थिति है।
तेज़ी से फैल रहा है कैंसर
इस रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल NCD के क्लिनिक्स में 6.5 करोड़ लोग पहुंचे, जिसमें से 1.6 लाख लोगों में कैंसर पाया गया। जबकि, साल 2017 में कैंसर के कुल 39,635 मामले ही देखने को मिले थे। हालाँकि, 2017 से लेकर 2018 के बीच NCD क्लिनिक्स में जाने वाले लोगों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई, जो पहले 3.5 करोड़ थी।
गुजरात में देखे गए कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले
कैंसर के सबसे ज़्यादा मामले गुजरात में सामने आए हैं। साल 2017 में गुजरात में 3,939 कैंसर पीड़ितों की पुष्टि हुई थी, जबकि साल 2018 में यह संख्या बढ़कर 72,169 हो गई। गुजरात के बाद सबसे ख़राब हालत कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल का है। यहाँ भी कैंसर के मामले बहुत ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों की बदलती लाइफस्टाइल, तनाव, खनपान की आदतें, एल्कोहल और तंबाकू का सेवन इसकी बड़ी वजह है।
2040 तक होगी एक लाख कैंसर डॉक्टरों की ज़रूरत
मई की लांसेट आंकोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, 2040 तक हर साल दुनियाभर में 1.5 करोड़ से ज़्यादा लोगों को कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी की ज़रूरत पड़ेगी। कैंसर के मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कैंसर का इलाज करने वाले लगभग एक लाख डॉक्टरों की भी आवश्यकता होगी। UNSW की अध्ययनकर्मी ब्रुक विल्सन ने अनुसार, दुनियाभर में कैंसर का बढ़ रहा ख़तरा निहसंदेह आज के समय में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ा संकट है।