उत्तर प्रदेश: अपने निकाह को वैध घोषित कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंची 16 वर्षीय लड़की
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश की एक 16 वर्षीय लड़की 20 वर्षीय लड़के के साथ अपनी शादी को वैध करार कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
मुस्लिम समुदाय से आने वाली इस लड़की का कहना है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार उसकी शादी वैध है और उसे उसके पति के साथ रहने दिया जाए।
पूरा गांव लड़की की हिम्मत देखकर हैरान है, वहीं उसके परिवार का मानना है कि उसने ऐसा करके परिवार की बदनामी की है।
पृष्ठभूमि
जून में की थी लड़का और लड़की ने शादी
मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर तेराई इलाके के एक सुदूर गांव का है।
22 जून को 16 वर्षीय लड़की और 20 वर्षीय लड़के ने पड़ोसी गांव से एक मौलवी को बुलाया जिसने लड़के के घर के बरामदे में रात के करीब 11 बजे दोनों का निकाह कराया।
इसके अगले दिन लड़की के पिता ने लड़के, उसके पिता और पड़ोसियों के खिलाफ लड़की के अपहरण और बहला-फुसला कर शादी करने का मामला दर्ज कराया।
कानूनी लड़ाई
हाई कोर्ट से अपील खारिज तो सुप्रीम कोर्ट पहुंची लड़की
जब लड़की को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो उसने अपने परिवार के पास जाने से मना कर दिया।
चूंकि वह नाबालिग थी, इसलिए मजिस्ट्रेट ने उसे नारी निकेतन भेजे जाने का आदेश सुनाया।
इसके बाद लड़के ने हाई कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि लड़की को उसकी मर्जी के खिलाफ हिरासत में रखा गया है।
जब हाई कोर्ट ने अपील खारिज कर दी तो लड़की सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी।
मुस्लिम पर्सनल लॉ
शादी पर क्या कहता है कानून?
देश के आम कानून के अनुसार, शादी के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल से अधिक होना अनिवार्य है।
लेकिन क्योंकि लड़की और लड़का मुस्लिम समुदाय से आते हैं, दोनों पर मुस्लिम पर्सनल लॉ के नियम लागू होते हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ में भी नाबालिग लड़का लड़की बिना परिवार की मंजूरी के शादी नहीं कर सकते, लेकिन यहां नाबालिग-बालिग तय करने के लिए कोई निर्धारित उम्र नहीं है।
जानकारी
मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार वैध है शादी
मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार, जब भी लड़का या लड़की यौवन प्राप्त कर लेते हैं, उन्हें बालिग मान लिया जाता है। इस तरीके से 16 वर्षीय इस लड़की की शादी वैध हुई और इसी आधार पर वह सुप्रीम कोर्ट पहुंची है।
मुलाकात और प्यार
दो साल पहले मिले थे लड़का और लड़की
नवीं कक्षा तक पढ़े लड़के ने बताया कि वह और लड़की करीब दो साल पहले मिले थे।
अपने प्यार की कहानी बताते हुए उसने कहा, "उसका घर मेरी नानी के घर के सामने हैं। हमने एक-दूसरे को मोबाइल नंबर दिए और हमारी लंबी बातचीत होना शुरू हो गईं।"
आगे क्या होना इस पर उसने कहा, "वह अडिग है और मुझे भरोसा और विश्वास है कि वह अपना बयान नहीं बदलेगी। हमने इस्लाम के मुताबिक बड़ों के सामने शादी की है।"
आरोप
लड़की का दावा, बुजुर्ग से शादी कराना चाहता है परिवार
ग्रामीणों के अनुसार, जब जून में लड़की लड़के के घर पहुंची और दोनों ने शादी करने की इच्छा जताई तो लड़के के परिवार ने किसी भी लड़ाई-झगड़े से बचने के लिए उसे दो बार उसके घर भेजने की कोशिश की।
लेकिन लड़की ने जहर खाने की धमकी देकर उन्हें शांत कर दिया।
लड़के के पिता ने बताया, "उसने कहा कि उसका परिवार एक बुजुर्ग से उसकी शादी कर देगा जिसके पहले से ही बच्चे हैं या उसकी मार देगा।"
बयान
लड़की की मां ने लगाया परिवार को बदनाम करने का आरोप
वहीं लड़की की मां ने उस पर परिवार की बदनामी करने और अपने पिता को सदमा पहुंचाने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा, "उसके जितनी छोटी लड़की कैसे अपना भविष्य तय कर सकती है? क्या हमारा कोई अधिकार नहीं है?"
लड़के के परिवार पर अपनी बेटी के ब्रेनवॉश का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसलिए वह उनकी भाषा बोल रही है।
उन्होंने सवाल किया कि जब लड़का घर है तो लड़की को क्यों नारी निकेतन में रखा गया है।
बयान
बुजुर्ग के साथ शादी कराने के आरोप को भी किया परिवार ने खारिज
किसी बुजर्ग से उसकी शादी कराने के लड़की के दावे को भी उसके परिवार ने खारिज किया। उन्होंने कहा कि लड़की ने दबाव में आकर ये बातें कही हैं। उन्होंने सवाल किया कि निकाह रात के 11 बजे बिना किसी गवाह के क्यों हुआ।
पुराना झगड़ा
दोनों परिवारों में जमीन को लेकर एक दशक से झगड़ा
ग्रामीणों के अनुसार, दोनों परिवारों में लगभग एक दशक से जमीन को लेकर झगड़ा चला आ रहा है।
इस पर लड़के के परिवार ने कहा कि जमीन हाथ से जाने के कारण लड़की का परिवार गुस्से में है।
इस आरोप को खारिज करते हुए लड़की के चाचा ने कहा कि ये काफी सालों पहले हुआ था और अब ऐसा कोई मसला नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम केवल इतना नहीं चाहते कि हमारी लड़की उस घर में जाए।