बिहार और उत्तर प्रदेश में पुलिसिंग सबसे खराब, दक्षिणी राज्यों का बेहतर प्रदर्शन- सर्वे
देश में पुलिसिंग को लेकर किए गए एक सर्वे में बिहार पुलिस को सबसे कम नंबर मिले हैं, जबकि आंध्र प्रदेश पुलिस सबसे ज्यादा नंबरों के साथ पहले स्थान पर रही है। स्वतंत्र थिंक-टैंक इंडियन पुलिस फाउंडेशन (IPF) के सर्वे में सामने आया है कि दक्षिणी और कुछ पूर्वोत्तर राज्यों की पुलिस उत्तरी राज्यों की तुलना में बेहतर काम कर रही है। यह सर्वे करीब पांच महीने चला और इसमें 1.60 लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था।
इन राज्यों की पुलिस रही सबसे आगे
सर्वे में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और सिक्किम की पुलिस पहले पांच स्थानों पर रही। वहीं, पंजाब, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार की पुलिस आखिरी पांच पायदानों पर रही। पुलिस के प्रति लोगों के संतोष की राष्ट्रीय औसत 69 प्रतिशत पाई गई है।
"राज्यों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा सर्वे"
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, IPF के चेयरमैन और उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री की स्मार्ट पुलिसिंग पहल के तहत राज्यों के प्रदर्शन को आंकने के लिए यह सर्वे किया गया था। उन्होंने कहा, "यह देखकर खुशी होती है कि 69 प्रतिशत लोगों को पुलिस व्यसव्था संतोषजनक है। हमें उम्मीद है कि कमियों को दूर किया जाएगा और यह सर्वे राज्यों को बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगा।"
सर्वे में पूछे गए थे इन मुद्दों से जुड़े प्रश्न
इस सर्वे में प्रश्नों के 10 सेट रखे गए थे और लोगों से पुलिस की संवेदनशीलता, जवाबदेही, पहुंच, नई टेक्नोलॉजी अपनाने, पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास और पुलिस की सत्यनिष्ठा को लेकर सवाल पूछे गए थे। बिहार और उत्तर प्रदेश पुलिस इन सभी श्रेणियों में पिछड़ गई। पुलिस के प्रति लोगों में विश्वास के पैमाने पर बिहार को 10 में 5.98, भ्रष्टाचार मुक्त सेवा में 4.97, नई टेक्नोलॉजी अपनाने में 5.81 और संवेदनशीलता में 5.75 नंबर मिले हैं।
बिहार पुलिस को मिले 10 में से 5.74 नंबर
सर्वे में बिहार पुलिस को कुल मिलाकर 10 में 5.74 और उत्तर प्रदेश पुलिस को 5.81 नंबर मिले है। उत्तर प्रदेश पुलिस को सहयोगी और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में 5.59, जवाबदेही में 5.80 और निष्पक्ष कार्रवाई में 5.27 अंक मिले हैं।
सर्वे में ये बातें भी निकलकर आईं सामने
निष्पक्ष पुलिसिंग के मामले में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और गुजरात को सबसे ज्यादा और उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, नागालैंड और झारखंड को सबसे कम नंबर मिले। सहायक और मैत्रीपूर्ण पुलिसिंग में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, सिक्किम और केरल सबसे आगे और उत्तर प्रदेश, पंजाब, बिहार, छत्तीसगढ़ और नागालैंड सबसे पीछे रहे। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, असम, केरल और ओडिशा की पुलिस सबसे ज्यादा और उत्तर प्रदेश, नागालैंड, उत्तराखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ की पुलिस सबसे कम जवाबदेह पाई गई।
पुलिस से दूर रहने वाले लोगों में छवि ज्यादा खराब- रामाचंद्रन
IPF के प्रमुख और सर्वे की निगरानी करने वाले रिटायर्ड IPS अधिकारी एन रामाचंद्रन ने बताया कि जिन लोगों का पिछले पांच सालों में पुलिस से वास्ता नहीं पड़ा है, उनकी नजरों में पुलिस की छवि ज्यादा खराब है। उन्होंने कहा कि देश की एक तिहाई आबादी पुलिस से असंतुष्ट है। यह बड़ी संख्या है और इस पर विचार किया जाना चाहिए। इस सर्वे में अरुणाचल, मणिपुर, लद्दाख और चंडीगढ़ आदि को शामिल नहीं किया गया था।
पुलिस के सामने अपनी अलग चुनौतियां
देश के पुलिसबल जवानों, अधिकारियों और संसाधनों की किल्लत से जूझ रहे हैं और इनके अलावा उनके सामने कई और चुनौतियां हैं। इस साल की शुरुआत में आई इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस अधिकारियों के तीन में से एक और कॉन्स्टेबल स्तर पर पांच में से एक पद खाली है। इस वक्त देश में एक लाख लोगों की सुरक्षा का भार 156 पुलिसकर्मियों पर है, जबकि यह संख्या 195 होनी चाहिए।