वाराणसी: पक्षी के टकराने के कारण मुख्यमंत्री योगी के हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग
उत्तर प्रदेश में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को वाराणसी में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार, एक पक्षी के टकराने के कारण मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। घटना के बाद योगी सर्किट हाउस वापस लौट आए और बाद में एक सरकारी प्लेन से राजधानी लखनऊ के लिए रवाना हुए। घटना में किसी को कोई चोट आने की कोई खबर नहीं है।
हेलीकॉप्टर की खिड़की से टकराया पक्षी, पुलिस लाइन में की गई लैंडिंग
अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी को वाराणसी से लखनऊ जाना था और इसके लिए उनके हेलीकॉप्टर ने वाराणसी एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। चंद मिनट बाद ही एक पक्षी हेलीकॉप्टर की खिड़की से टकरा गया जिसके बाद पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी और हेलीकॉप्टर को वाराणसी पुलिस लाइन के मैदान में उतारा गया। बता दें कि शनिवार को योगी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया और एक समीक्षा बैठक भी की।
पक्षी टकराने के कारण पिछले हफ्ते हुई थी दो विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग
बता दें कि भारत में पक्षियों के विमानों से टकराने की घटनाएं बेहद आम हैं और पिछले हफ्ते ही पक्षी टकराने के कारण दो विमानों को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। एक घटना पटना से दिल्ली जा रहे स्पाइसजेट के विमान में हुई। पक्षी के टकराने के कारण इसके इंजन में आग तक लग गई थी। दूसरा विमान दिल्ली से गुवाहाटी जा रहा था। इंजन से पक्षी टकराने के कारण इंडिगो के इस विमान को वापस बुला लिया गया था।
2021 में पक्षियों के विमानों से टकराने की रिकॉर्ड घटनाएं
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के अनुसार, भारत में हर साल पक्षियों के विमानों से टकराने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। 2021 में पक्षियों के विमानों से टकराने की कुल 1,466 घटनाएं हुईं, वहीं इससे पहले 2020 में यह आंकड़ा 1,152 था। इससे पहले 2018 में 1,214 और 2019 में 1,227 घटनाएं हुईं। 2021 में आए उछाल को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण जब फ्लाइट बंद हुईं तो पक्षी एयरपोर्ट्स के आसपास आ गए।
दुनियाभर में क्या स्थिति?
इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के एक सर्वे के मुताबिक, दुनियाभर में हर रोज पक्षियों के विमानों से टकराने की औसतन 34 घटनाएं होती हैं और इन घटनाओं के कारण हर साल लगभग 7,800 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। सर्वे के अनुसार, 92 प्रतिशत घटनाओं में कोई नुकसान नहीं होता है, लेकिन कई बार कुछ घटनाएं बड़ी हो सकती हैं। पक्षी के टकराने पर इंजन बंद हो सकता है या खिड़की का शीशा टूट सकता है।