UGC-NET 2024 की दोबारा परीक्षा को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, साेमवार को होगी सुनवाई
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पेपर लीक की आशंका के बीच विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) को रद्द कर दोबारा कराने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इसमें परीक्षा रद्द करने के लिए मिले सबूतों से छेड़छाड़ किए जाने का दावा करते हुए पुन:परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को स्वीकार कर लिया है और इस पर सोमवार को सुनवाई होगी।
याचिका में क्या किया गया है दावा?
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता उज्ज्वल गौड़ और शैलेन्द्र सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि प्रश्नपत्र लीक का दावा करने वाले सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है। ऐसे में दोबारा परीक्षा कराने का यह निर्णय न केवल मनमाना है, बल्कि अन्यायपूर्ण भी है। याचिकाकर्ताओं ने CBI की जांच पूरी होने तक दोबारा परीक्षा पर रोक लगाने की मांग की है।
मेहनत कर परीक्षा देने वालों को हुई परेशानी
याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि परीक्षा को अनावश्यक रद्द करने से उन अभ्यर्थियों को काफी परेशानी हुई, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। परीक्षा रद्द करने के निर्णय ने अनगिनत छात्रों की शैक्षणिक और पेशेवर योजनाओं को बाधित किया है, जिससे परीक्षा प्रणाली में उनका भरोसा कम हुआ है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि झूठे साक्ष्य के आधार पर परीक्षा रद्द करना पूरी तरह से अन्याय के समान है।
मुख्य न्यायाधीश की पीठ करेगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार भी कर लिया है और सुनवाई के लिए सूचीबद्ध भी कर लिया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ सोमवार सुबह को सुनवाई करेगी।
शिक्षा मंत्रालय ने 19 जून को रद्द की थी परीक्षा
बता दें, 18 जून को UGC-NET की परीक्षा हुई थी, जिसमें 9 लाख से भी ज्यादा अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इसके एक दिन बाद शिक्षा मंत्रालय ने परीक्षा रद्द कर दी थी। मंत्रालय ने I4C से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा था कि परीक्षा की विश्वसनीयता से समझौता हुआ है और मामले की जांच CBI को सौंपी थी। इसके बाद UGC ने इस परीक्षा को 21 अगस्त से 4 सितंबर तक दोबारा कराने का निर्णय किया है।