टूलकिट मामला: पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को मिली जमानत
किसान आंदोलन से संबंधित 'टूलकिट' तैयार करने के मामले में एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेजी पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली में पटियाला हाउस स्थित सैशन कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी है। इससे पहले कोर्ट ने सोमवार को उन्हें एक दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा था। पुलिस ने मामले में दिशा से गहन पूछताछ की थी। दिशा सभी आरोपों को खारिज कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने की थी चार दिन के रिमांड की मांग
कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए दिशा को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेजने की मांग की थी, लेकिन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने उसे खारिज कर एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत देने का फैसला सुना दिया।
किस मामले में हुई दिशा की गिरफ्तारी?
बेंगलुरू की रहने वाली 21 वर्षीय दिशा रवि को किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट के मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस टूलकिट को फरवरी के पहले हफ्ते में स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने ट्विटर पर शेयर किया था। पुलिस ने इसे "भारत के खिलाफ साजिश" माना है और इसके निर्माताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। उसका आरोप है कि दिशा ने टूलकिट को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी और वह मुख्य साजिशकर्ता है।
कोर्ट ने न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद दिशा को भेजा था पुलिस रिमांड पर
दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी को बेगलुरु से उसके परिजनों के सामने गिरफ्तार किया था। उसके बाद उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। रिमांड अवधि पूरी होने के बाद 19 फरवरी को कोर्ट ने उन्हें तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। सोमवार को न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर पांच दिन का और रिमांड मांगा था, लेकिन कोर्ट ने उन्हें एक दिन के रिमांड पर भेजा था।
दिशा ने शुक्रवार को दायर की थी जमानत याचिका
मामले में दिशा ने न्यायिक हिरासत खत्म होने के बाद शुक्रवार को कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की थी। इस पर शनिवार को सुनवाई हुई थी, लेकिन कोर्ट ने मंगलवार तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। उस दौरान दिल्ली पुलिस ने दिशा की जमानत याचिका का कड़ा विरोध करते हुए उन्हें पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (PJF) से जुड़ा होना बताया था। दूसरी तरफ दिशा के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने पुलिस के आरोपों का नकार दिया था।
दिशा ने कोर्ट में दी थी यह दलील
दिशा के वकील ने कोर्ट में कहा था कि किसानों के मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना देशद्रोह है तो वह जेल में ही रहना पसंद करेंगे। दिशा बेवजह हल्ला नहीं मचा रही हैं। इसके पीछे पर्यावरण और खेती के बीच का रिश्ता है।
भारत को बदनाम करने की साजिश थी- दिल्ली पुलिस
सुनवाई के दौरान पुलिस की तरफ से कहा गया कि यह सिर्फ टूलकिट का मामला नहीं बल्कि भारत को बदनाम करने और असंतोष भड़काने की योजना थी। अंतिम टूलकिट को PJF के साथ शेयर भी किया गया था। बचाव पक्ष ने कहा था दिशा का खालिस्तानी आंदोलन के साथ किसी तरह का संबंध नहीं है और वह जांच में सहयोग करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सबूतों के बारे में पूछा था।
पुलिस ने दिशा को निकिता और शांतनु के सामने बैठाकर की पूछताछ
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को मिले दिशा के एक दिन के रिमांड के बाद देर रात तक उससे पूछताछ की। इसके बाद मंगलवार सुबह साइबर सेल में मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता निकिता जैकब और शांतनु मुलुक को दिशा के सामने बैठाकर गहन पूछताछ की। बता दें मामले में दिल्ली पुलिस ने निकिता और शांतनु को भी गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, लेकिन दोनों को मुंबई हाई कोर्ट से गिरफ्तारी से अंतरिम ट्रांजिट जमानत हासिल कर ली।
शांतनु ने भी दिल्ली कोर्ट में लगाई जमानत याचिका
इधर, मामले में अन्य आरोपी शांतनु मुलुक ने मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। इस पर बुधवार को सुनवाई होगी। इससे पहले शांतनु को बॉम्बे हाई कोर्ट से 10 की अग्रिम ट्रांजिट जमानत मिल गई थी।